ऐसे में केंद्र सरकार ने टीकाकरण नीति में परिवर्तन करते हुए संभावित तीसरी लहर के आने से पहले अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने के लक्ष्य के साथ महाटीकाकरण अभियान की शुरूआत की है। टीकाकरण अभियान की शुरुआत 21 जून (सोमवार) से की गई है।
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इसी कड़ी में संशोधित टीकाकरण दिशानिर्देश लागू होने के पहले दिन यानी सोमवार (21 जून) को देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर टीका लगाया गया। पहले दिन करीब 87 लाख डोज लगाए गए। सोमवार को लगाए गए कुल टीकाकरण का 63.68 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में किया गया। उस दिन दी गई कुल वैक्सीन खुराक में से 56.09 लाख टीके ग्रामीण टीकाकरण केंद्रों से दिए गए, जबकि शहरी क्षेत्रों में 31.9 लाख लोगों का टीकाकरण दर्ज किया गया।
ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण कवरेज पर जोर
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण कवरेज पर विशेष जोर दिया गया है। ग्रामीण कवरेज तीव्र और अच्छे अनुपात में है।
उन्होंने बताया कि सोमवार (21 जून) से टीकाकरण की संख्या लगभग देश में ग्रामीण-शहरी जनसंख्या विभाजन के अनुपात में थी। यह साबित करता है कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाके में टीकाकरण अभियान को ले जाना संभव है।
टीका लगाने वालों में महिलाओं की संख्या कम
पॉल ने आगे बताया कि 71 फीसदी टीकाकरण केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार को इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन खुराक (88.09 लाख) का प्रशासन करते समय कोविन प्लेटफॉर्म में कोई गड़बड़ नहीं देखी गई।
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उन्होंने आगे कहा, “21 जून को सरकारी केंद्रों से कुल 92 प्रतिशत टीके की खुराक दी गई थी।” पॉल ने बताया कि टीका प्राप्त करने वालों में 46 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि लगभग 53 प्रतिशत पुरुष थे। हमें इस लिंग-असंतुलन को उन सभी जगहों पर सुधारने की जरूरत है, जहां यह मौजूद है। हमें टीकाकरण के लिए और अधिक महिलाओं को आगे लाने की जरूरत है।”