दरअसल, मोदी सरकार फिट इंडिया मूवमेंट को स्वच्छ भारत अभिायन और योग मिशन की तरह सफली बनाना चाहती है। इस मूवमेंट को सफल बनाने के लिए मोदी सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी। शहर हो या गांव हर जगह लोगों को फिट रहने के फंडे बताए जाएंगे। जानिए 5 फंडे जिसके तहत इस मिशन सरकार सफल बनाना चाहती है।
1. सरकारी मंत्रालयों की तय होंगी सक्रिय भूमिका पीएम मोदी ने इस योजना को खेल मंत्रालय की देखरेख में चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर मंत्रालयों को काम करना होगा। खेल मंत्रालय योजना को लॉन्च करेगा। सूचना प्रसारण मंत्रालय उसके प्रचार करेगा। अन्य मंत्रालयों को योजना के मुताबिक इस अभियान को आगे बढ़ना होगा। इस अभियान से मानव संसाधन मंत्रालय, शहरी विकास, ग्रामीण विकास समेत अन्य मंत्रालय को भी सक्रिय तौर पर जोड़ा जाएगा।
मिशन फिट इंडिया: पीएम मोदी बोले- बॉडी फिट तो माइंड होगा हिट 2. महान हस्तियों का लिया जाएगा सहारा इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार खेल और मनोरंजन की दुनिया से जुड़े हस्तियों का भी सहारा लेगी। फिट इंडिया मूवमेंट लॉन्च होने से पहले ही मैरीकॉम, राजनाथ सिंह, कॉनरेड संगमा समेत कई बड़ी हस्तियों के द्वारा इसके बारे में ट्वीट किया गया और लोगों से जुड़ने की अपील की गई।
3. सिर्फ एक नहीं कई स्तर पर होगा काम स्वच्छ भारत अभियान और योग की तरह सरकार इसे कई स्तर पर ले जाने की सोच रही है। जैसे की मानव संसाधन मंत्रालय के जरिए बच्चों की शिक्षा से इसे जोड़ने, बच्चों को स्वच्छ खाना खाने की आदत डालने और बुजुर्गों के लिए कई तरह की योजनाओं का हिस्सा फिट इंडिया मूवमेंट को बनाया जाएगा।
फिट इंडिया मूवमेंटः जानिए पीएम मोदी के भाषण की 10 प्रमुख बातें 4. शहरी निकायों और पंचायतों भी जुड़ेंगे इस अभियान से फिट इंडिया मूवमेंट को प्रति देश भर के लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार प्रचार के हर माध्यम का सहारा लेगी। इसके लिए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी या फिर अन्य हस्तियों की अपील ही नहीं, टीवी-रेडियो-अखबार-डिजिटल माध्यम से प्रचार किया जाएगा और इसके फायदों को गिनाया जाएगा। साथ ही पंचायत, नगरपालिका, नगर पंचायत स्तर पर लोगों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
5. हर दरवाजे पर दस्तक देगी सरकार मोदी सरकार एक तरफ स्वच्छ भारत के तहत वातावरण शुद्ध करने की ओर बढ़ रही है तो योग और फिट इंडिया के जरिए लोगों को भी सेहत के लिए सचेत करने की कोशिश की जा रही है। ताकि आम नागरिकों के साथ देश भी स्वस्थ बने। ऐसा करना इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य के मामले में श्रीलंका, मालदीव, भूटान जैसे देश भारत से बहुत आगे हैं।