आईसीएमआर की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार कोविद—19 ( Covid-19 ) के मानकों का विस्तार करना चाहती है। इसका मकसद कोरोना के मानक लक्षणों में दो नए लक्षणों को जोड़ना है। इस प्रस्ताव को विचार के लिए नेशनल टास्क फोर्स ( National Task Force ) के सामने भी रखा गया है।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 94 हजार पार, अकेले मुंबई में 52,000 केस ICMR द्वारा बनाए गए नेशनल टास्क फोर्स ( NTF ) के सामने यह मुद्दा इसलिए लाया गया है कि कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें पेशेंट सूंघने या स्वाद चखने की क्षमता खो चुका था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैनल के एक सदस्य ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि सूंघने या स्वाद चखने की क्षमता खोने को भी कोविड-19 ( Covid-19 ) की जांच में शामिल करने पर अभी चर्चा चल रही है। हालांकि अब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
बता दें कि कोरोना की टेस्टिंग मानक ( Coronavirus Testing Standard ) का पहला मानक जनवरी में तय किया गया था और इसमें बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ शामिल थी। बाद में मई में गैस्ट्रोइंट्सटिनल जैसे कि डायरिया या उल्टी को भी जोड़ा गया था।
Covid-19 : भारत डेंजर जोन में, दोबारा लग सकता है लॉकडाउन – स्टडी कई देशों में जोड़े जा चुके हैं नए लक्षण अगर स्वाद और सूंघने की क्षमता खोने को सूची में जोड़ा जाता है तो सिंपटम की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी। फिलहाल देश में कोरोना टेस्टिंग के 13 क्लिनिकल सिंपटम का एक स्टैंडर्ड सेट हैं। इसमें बुखार, खांसी, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना, मितली, हेमोटाईसिस शरीर में दर्द, गले में खराश, सीने में दर्द, नाक से पानी निकलना और थूक शामिल हैं। जिस भी रोगी में एक या उससे अधिक सिंपटम पाये जाते हैं उसे कोविड -19 की टेस्टिंग के लिए परमिशन मिलती है।
नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य टेस्टिंग स्टैंडर्ड को अपडेट करने के लिए दुनिया और भारत में मौजूद क्लिनिकल डेटा को आधार बना रहे हैं। अप्रैल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने यूरोपीय संघ ( EU ) देशों, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर कोरोना के प्रमुख लक्षणों में से एक के रूप में सूंघने और स्वाद खोने की क्षमता को जोड़ा।