पहले आम चुनाव कुल 489 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित किए गए। इन आम चुनावों में 26 भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व किया गया। इन चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने 364 सीटें जीत कर बहुमत हासिल किया और कुल मतों का 45 फीसदी प्राप्त किया।
देश की पहली लोकसभा ने बनाया रिकॉर्ड देश की प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष जी. वी. मावलंकर थे। इस लोकसभा में 677 बैठकें हुईं, जो देश में अब तक हुई बैठकों की उच्चतम संख्या है। हालांकि अब तक देश में 16 बार लोकसभा का गठन हो चुका है परन्तु किसी भी समय इतनी बैठक नहीं हुई।
देश ने चुना पहला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री चुने गए थे। लेकिन उन्हें तत्कालीन कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री चुना था न कि देश की जनता ने। 1952 में हुए आम चुनावों में देश की जनता ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के इस फैसले पर मोहर लगा दी और सर्वसम्मति से नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनाने का जनादेश दिया।
पहली बार महिलाओं ने किया मताधिकार का प्रयोग इन चुनावों के साथ ही देश ने कई नए कीर्तीमान भी स्थापित किए। देश के पहले चुनावों में ही देश के सभी योग्य नागरिकों को वोट का अधिकार दिया गया जो इससे पहले कहीं नहीं देखा गया। यहां तक कि अमरीका और यूरोप के विकसित देशों ने भी चुनावों में महिलाओं को काफी बाद में वोटिंग राइट्स दिए।
आज के सुदृढ़ भारत की नींव रखी थी इन चुनावों ने भारत के पहले आम चुनाव ने ही देश में लोकतंत्र की मजबूती की नींव रखी। इन चुनावों में देश की जनता ने बता दिया कि वो कहीं से भी अपरिपक्व नहीं है और अपने मत का सही उपयोग कर सकते हैं।”