मिर्जापुर. विन्ध्याचल स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ विंध्यवासनी मंदिर में आने वाले भक्त अब माता की अति प्राचीन प्रतिमा को स्पर्श नहीं कर सकेंगे। उन्हें मां के चरण स्पर्श करने से रोका जाएगा। विन्ध्य पंडा समाज और जिला प्रसाशन ने आने वाले कुछ दिन बाद भक्तों के चरण स्पर्श पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी कर रही है। अभी मंदिर में शाम चार बजे के बाद गर्भ गृह के अंदर जा कर भक्त मूर्ति के चरण स्पर्श कर सकते है। जिला प्रसाशन ने चरण स्पर्श पर रोक लगाने के लिए विन्ध्य पंडा समाज को एक सप्ताह की मोहलत दिया।
विंध्याचाल के मेला कैम्प कार्यालय में विंध्य पण्डा समाज एवं विंध्य विकास परिषद की संयुक्त बैठक में इस पर चर्चा की गई। बैठक में विन्ध्यवासिनी मन्दिर की सुरक्षा व व्यवस्था के उद्देश्य से पण्डा समाज ने पाँच बिंदुओं की सूची जिलाधिकारी के सामने रखी। इस सूची में पहले नम्बर पर चरण स्पर्श पूरनी तरह से बंद करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन के सामने रखा गया।
चरण स्पर्श के अलावा मंदिर में दर्शन पूजन कराने वाले तीर्थ पुरोहितों को वेशभूषा और पहचान पत्र रखने और मंदिर के निकास दरवाजे से प्रवेश पर भी रोक लगाने की बात कही गयी। बैठक के दौरान जिला अधिकारी विमल कुमार दुबे ने कहा की मंदिर की ख्याति बढ़ रही है, इसलिए यहां की व्यवस्था बढ़नी चाहिए।
कोई भी व्यवस्था एक-एक कदम आगे बढ़ने से ही होगी। चरण स्पर्श बंद होने की नियम लागू होने के पश्चात मैं अपने पुलिसकर्मियों को विशेष निर्देश दूँगा कि कोई भी चाहे वह वीवीआईपी ही क्यों न हो इस नियम का सख्ती कर साथ पालन किया जाएगा। वहीं बैठक के दौरान भक्तों को माँ के दर्शन में सहूलियत के लिए गर्भगृह में लगे पीतल के कटघरे को काटकर चैड़ा करने व गर्भगृह में ऊँचाई लगभग ढाई फीट रखने की बात कही गयी।
साथ ही मीटिंग के दौरान डीएम ने मन्दिर जाने वाली सभी गलियों को चैड़ा करने को जरूरी बताया और कहा कि पण्डा समाज के लोग इस पर आपस मे बात करके निर्णय लें। बैठक में जिला अधिकारी ने बताया कि विंध्याचाल में सभी विद्युत के तार जमीन के अंदर होंगे इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। बैठक के दौरान जिला अधिकारी विमल कुमार दुबे और पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, विन्ध्य पंडा समाज के अध्यक्ष राजन पाठक सहित विन्ध्य पंडा समाज के पदाधिकरियों ने भाग लिया।
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