मिर्जपुर से प्रयागराज तक नेशनल हाइवे 76 के निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ तो खूब शोर हुआ, पर जब सड़क की गुणवत्ता की पोल खुली तो खामोशी छाई है। 218 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 36 किलोमीटर लंबे एनएच 76 का निर्माण कार्य करीब साल भर से जारी है। और अब वह करीब पूरा होने वाला है। यह सड़क मिर्जापुर के शीतला माता से प्रयागराज के टीकरी गांव तक बन रही है। जानकारी के मुताबिक महज 4 से 5 किलोमीटर ही निर्माण बचा है। विंध्याचल के इलाके में सड़क दो माह पहले ही बनकर तैयार हुई है। पर पहली ही बारिश में विंध्याचल क्षेत्र में सड़क जगह-जगह दरकने लगी है। जगह-जगह धंसी सड़क की बैरिकेडिंग की गई है भारी वाहनों के गुजरने से सड़क का जो हाल है उससे निर्माण कर रही संस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
उधर ऐसा ही हाल वाराणसी से कन्याकुमारी तक जाने वाले नेशनल हाइवे 7 पर वाराणसी के टेंगरा मोड़ से राॅबर्ट्सगंज के बीच में बेलन नदी पर जल्दी ही बने पुल को लेकर भी निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने का आरोप लग रहा है। मिर्जापुर के हलिया बरौधा में बेलन नदी बन रहे नेशनल हाइवे का पुल बनकर तैयार है और अब इसे सौंपने की तैयारी हो रही है। पर उसके पहले ही पुल को ट्रायल पर खोला गया तो उसकी हकीकत सामने आ गई। पुल पर भी सड़क एक जगह से धंस गई, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
इन मामलों के सामने आने के बाद लोग हैरान हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या निर्माण की गुणवत्ता पर जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही करते हुए आंखें मूद रखी थीं या फिर मानक की अनदेखी कर सड़क निर्माण में ठेकेदारों ने आंखों में धूल झोंककर मनमानी की। अगर ऐसा है तो निगरानी का दावा करने वाले प्रशासन को इसकी खबर कैसे नहीं लगी। उधर इस मामले में मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल के जांच केन्द्रीय सड़क परिवहन विभाग से जांच की मांग करने के बाद विंध्याचल मंडल के आयुक्त योगेश्वराम मिश्रा ने टीएससी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
By Suresh Singh