बता दें कि एक लाइसेंसधारी साल भर में अधिकतम 200 कारतूस खरीद सकता है। एक बार में वह 100 कारतूस खरीद सकता है। लेकिन अब पंचायत चुनाव के मददेनजर सुरक्षा की दृष्टि से इस बार में एक साथ 20 या इससे अधिक कारतूस खरीदने वालों का सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के पीछे प्रशासन का मकसद है कि खरीदे गए कारतूस का कोई गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। जिलाधिकारी के बालाजी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट सभी असलाह की दुकानों पर पर जाकर इसका सत्यापन करेंगे। उनके दस्तावेज खंगालेगे।कारतूस खरीद की जांच के साथ ही अधिकारी यह भी देखेंगे कि जिन लोगों ने कारतूस खरीदे थे उन्होंने उसके खोखे वापस किए या नहीं।
यह भी देखें: 6 साल बाद भी नहीं बन पाया फायर स्टेशन बता दें कि कारतूस खरीद के बाद उसके 80 फीसद खोखों का हिसाब दिया जाता है। यानी 80 फीसदी खोखे वापस जमा किए जाते हैं। सभी दुकानों पर दस्तावेज सही मिले, इसके लिए दुकानदारों ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। एक साल में किस लाइसेंसी ने सर्वाधिक कारतूस खरीदी है। कारतूस खरीदने वालों की सूची बनाई जा रही है। यह प्रक्रिया शस्त्र की दुकानों पर जारी है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि एक बार में अधिकतम 100 कारतूस खरीदा जा सकता है लेकिन जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों ने अधिकतम 50 कारतूस तक ही खरीदे हैं।