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अयोध्या पर फैसला आने से पहले प्रदेश में लागू होगा मेरठ मॉडल, जानिए क्यों, देखें वीडियो दिल्ली रोड पर भी परतापुर तक आसपास लगे पेड़ों पर पानी की बौछार करके जमा हुए धूल के कणों को साफ कराया गया। पानी पडऩे से करीब दो घंटे तक आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली। चीफ फायर अधिकारी अजय कुमार शर्मा ने बताया कि इसके लिए शहर में करीब दस गाडिय़ों को उतारा गया है। इन गाडिय़ों से स्पीड वाटर स्प्रे करवाया गया। खासकर पेड़ों और सड़कों के किनारे लगी झाडिय़ों में ये स्प्रे कराया गया। इसके अलावा प्रमुख चौराहों पर सड़कों की धुलाई कराई गई। उन्होंने बताया कि हाईवे पर एक्सप्रेस रोड पर छिड़काव करवाया गया। आसपास लगे पेड़ों को भी धोया गया। उन्होंने बताया कि वातावरण में छाई धुंध और प्रदूषण कम करने को लेकर ऐसा किया गया है, ताकि लोगों को कुछ तो राहत मिल सके।
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छेड़छाड़ करने पर दो बहनों ने मनचलों को धुना, पुलिस नहीं पहुंची तो खुद पकड़कर ले गई थाने एक तरफ तो फायर विभाग वाटर स्प्रे कर रहा था, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर वाहनों का इतना दबाव है कि पानी सूखते ही फिर से हालात वही हो रहे हैं। सीएफओ ने कहा कि रोजाना दिन में वाटर स्प्रे किया जाएगा जब तक कि स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। उन्होंने बताया कि इसका असर इतनी जल्दी नहीं, बल्कि धीरे-धीरे दिखाई देगा। शाम को ओस गिरने से धूल के कण खुद ही बैठ जाएंगे।