लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में बड़ा फेरबदल, इन लोगों को मिलने जा रही है बडी जिम्मेदारी गौरतलब है कि 9 जुलाई को पुर्वाचल के माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जिसकी मौत का इल्जाम सुनील राठी पर लगा था। सुनील राठी ने अपना जुर्म भी कबुल कर लिया था। इस हत्याकांड को लेकर पिछले 25 दिनों से जांच चल रही थी। जांच कर रहे अधिकरियों ने अभी तक कोई भी रिपोर्ट साझा नहीं की थी, लेकिन डीआईजी जेल आगरा ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जिसमें सामने आया है कि बागपत जेल में सुनील राठी को खुली छुट थी, उसके मिलने वाले बिना रोक टोक जेल में आते जाते थे। वहीं शराब से लेकर हर सुविधा भी सुनील राठी को जेल में मिलती थी। इस पूरे मामले जांच डीआई आगरा कर रहे थे। उन्होंने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
सुनील राठी के करीबी कैदी भी उसके साथ ही रहते थे। बाहर से आने वाले सामान की भी तलाशी नहीं होती थी। सुनील राठी का जेल में पूरा खौफ था। जांच में सामने आया है कि सुनील राठी की जेल में हुकूमत चलती थी। कहा जा सकता है कि जेल के अंदर सुनील राठी को वीआईपी सुविधाए दे रखी थी। रिपोर्ट आने के बाद एडीजी ने जेलर, डिप्टी जेलर, समेत पांच को आरोप पत्र भेजकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। शासन ने पहले जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव व एसपी सिंह के अलावा अरजिंदर सिंह व वार्डर माधव कुमार को दोषी माना गया है। एडीजी जेल चेद्र प्रकाश ने बताया कि आरोप पत्र का जवाब मांगा गया है। जवाब आने केे बाद में कार्रवाई की जाएगी।