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मेरठ

Lockdown: राशन के लिए चक्कर काट रहे ग्रामीण, जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों के सामने जताया आक्रोश

Highlights

मेरठ केे गांव रसूलाबाद नानपुर का मामला सामने आया
लॉकडाउन में ग्रामीणों को समय से नहीं मिल रहा राशन
डीलर पर समय से राशन नहीं देने का आरोप लगाया

मेरठApr 06, 2020 / 04:32 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। लॉकडाउन और महामारी के इस दौर में जहां सरकार की प्राथमिकता गरीबों और ग्रामीणों को राशन बांटने की है। वहीं गरीबों और ग्रामीणों को राशन नहीं मिल पा रहा है। मामला गांव रसूलाबाद नानपुर का है, जहां पर राशन के लिए लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आरोप है कि लॉकडाउन के दौर में भी उन्हें कई-कई चक्कर काटने के बाद भी राशन नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है मशीन पर अंगूठा लगवाकर उन्हें पर्ची थमा दी जाती है, जिसे लेकर वह लगातार डीलर के यहां चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन राशन नहीं मिल रहा। ग्रामीणों ने इस संबंध में जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों से शिकायत की।
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तहसील क्षेत्र के गांव रसूलाबाद नानपुर में राशन को लेकर समस्या बनी हुई है। गांव की आबादी पांच हजार से ज्यादा है, जिसमें से बड़ी आबादी गरीब और मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों की है। ऐसे में काफी परिवार राशन से मिलने वाले अनाज पर ही आश्रित हैं। गांव में कुल राशन कार्डों की संख्या 890 के करीब है और कुल लाभार्थियों की संख्या 3525 है। गांव में राशन की एजेंसी का संचालन गांव निवासी नरेश कुमार के पास है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें राशन के लिए डीलर के यहां कई कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। हर बार उन्हें सुबह-शाम कहकर टरका दिया जाता है।
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गांव निवासी आरिफ, अजीज आलम, नरेन्द्र, बती आदि ने बताया कि महीने के शुरूआत में राशन डीलर का पुत्र घर घर जाकर हमारे अंगूठे मशीन में लगवा कर राशन की पर्ची थमा देता है। कई ग्रामीणों का आरोप है कि उनके पास कई कई महीनों की पर्चियां एकत्र हो चुकी हैं, लेकिन डीलर उन्हें राशन देने को तैयार नहीं है। गांव निवासी कमलेश ने बताया कि लॉकडाउन के दौर में उनके पास कोई रोजगार भी नहीं है और आय का कोई अन्य साधन भी नहीं है। ऐसे में राशन न मिलने की वजह से उनके घर में चूल्हा जलना भी मुश्किल है। इस सबंध में जब डीएसओ राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले दिखवााने के साथ समय पर राशन दिलवाने का आश्वासन दिया।

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