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मेरठ

Navratri 2018: यहां नव संवत की शुरुआत हो रही अदभुत, राजस्थानी कारीगरों की यज्ञशाला सबकी पसंदीदा!

अयुत चंडी महायज्ञ के लिए यज्ञशाला सरकंडे आैर जूट की सुतली से बनार्इ आैर भी हैं कर्इ खासियत

मेरठMar 17, 2018 / 06:43 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। महानगर में नव संवत के शुरूआती दिन और नवरात्रि के प्रथम दिन जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन धार्मिक कार्यक्रमों में कई स्थानों पर हवन और यज्ञ करके हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि के शुभारंभ मौके पर देवी का स्वागत किया जाएगा। रविवार को होने और इस दिन पूर्णता अवकाश होने के कारण इस धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की संख्या में बढोत्तरी हो गई है। ऐसा ही एक धार्मिक आयोजन है अयुत चंडी महायज्ञ। जो मेरठ के प्रसिद्व भैसाली मैदान में आयोजित होने जा रहा है। कई कारणों से यह महायज्ञ बहुत खास और महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन्हीं खास कारणों में महत्वपूर्ण है इस कार्यक्रम में बनी यज्ञशाला। यह यज्ञशाला मेरठ में बनी अब की यज्ञशालाओं में अपने आप में अभूतपूर्व है। यह यज्ञशाला पूर्णता वैदिक और सनातन रीत से तैयार की गई है।
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यह है खासियत

कार्यक्रम के संयोजक प्रवीण ने बताया कि यज्ञशाला को बनाने के लिए राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा तहसील से कारीगर आए थे। यह यज्ञशाला पूर्णरूप से सरकंडे और जूट की सुतली से बनी हुई है। इस यज्ञशाला में कही किसी प्रकार की धातु का प्रयोग नहीं किया गया है। यह यज्ञशाला 100 गुणा 100 फुट की है और परिक्रमा के लिए इसके चारों ओर 25 गुणा 25 फुट का मार्ग छोड़ा गया है। यज्ञशाला को बनाने में करीब आठ दिन का समय लगा और 50 लोगों ने इस यज्ञशाला को तैयार किया। यज्ञशाला को बनाने के लिए सरकंडे की डंडियां भी राजस्थान से ही मंगाई गई है।
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कल होगा महा आयोजन

कल भैसाली मैदान में इस आयुतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञशाला के चारों ओर हवन के लिए एक सौ आठ हवन वेदियां बनाई गई हैं। इन वेदियों के बीच में यज्ञ के लिए एक मुख्य वेदी बनाई गई है। जिसमें यज्ञ में आहुति श्री त्रयम्बकेश्वरचैतन्य ब्रहाचारी जी महाराज के मंत्रोच्चारण से सम्पन्न होगी। कार्यक्रम रविवार को सुबह आठ बजे से प्रारंभ होगा इसके बार यज्ञ में आहुति आदि दी जाएगी। चालीस ब्राहण हवन करवाएगे और कुंड के तीन तरफ 324 ब्राहण बैठेंगे।

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