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पोस्ट बैंक पेमेंट से एक काॅल पर दस हजार रुपये तक घर पर जल्द यह है खासियत कार्यक्रम के संयोजक प्रवीण ने बताया कि यज्ञशाला को बनाने के लिए राजस्थान के
बीकानेर जिले के नोखा तहसील से कारीगर आए थे। यह यज्ञशाला पूर्णरूप से सरकंडे और जूट की सुतली से बनी हुई है। इस यज्ञशाला में कही किसी प्रकार की धातु का प्रयोग नहीं किया गया है। यह यज्ञशाला 100 गुणा 100 फुट की है और परिक्रमा के लिए इसके चारों ओर 25 गुणा 25 फुट का मार्ग छोड़ा गया है। यज्ञशाला को बनाने में करीब आठ दिन का समय लगा और 50 लोगों ने इस यज्ञशाला को तैयार किया। यज्ञशाला को बनाने के लिए सरकंडे की डंडियां भी राजस्थान से ही मंगाई गई है।
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Honour Killing: एनसीसी कैडेट की हत्या कर शव बिटौड़े में जलाया कल होगा महा आयोजन कल भैसाली मैदान में इस आयुतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञशाला के चारों ओर हवन के लिए एक सौ आठ हवन वेदियां बनाई गई हैं। इन वेदियों के बीच में यज्ञ के लिए एक मुख्य वेदी बनाई गई है। जिसमें यज्ञ में आहुति श्री त्रयम्बकेश्वरचैतन्य ब्रहाचारी जी महाराज के मंत्रोच्चारण से सम्पन्न होगी। कार्यक्रम रविवार को सुबह आठ बजे से प्रारंभ होगा इसके बार यज्ञ में आहुति आदि दी जाएगी। चालीस ब्राहण हवन करवाएगे और कुंड के तीन तरफ 324 ब्राहण बैठेंगे।