जिसके चलते भाजपाईयों में रोष है। शनिवार रात पार्षद मनीष चौधरी की गिरफ्तारी के बाद भारी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने थाने पर पहुंचकर हंगामा किया जनप्रतनिधियों को बुरा-भला भी कहा। साथ ही भाजपाइयों ने पुलिस पर एक तरफा कार्रवार्इ का आरोप लगाया।
पार्षद के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज पुलिस ने आरोपी पार्षद मनीष चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 395 के तहत मामला दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि मनीष के खिलाफ गैर जमानती अपराध की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि घटना में शामिल दरोगा की भी ड्यूटी दशहरा कार्यक्रम के लिए लगाई गई थी, ऐसे में लापरवाही बरतने के आरोप में उसे भी लाइन हाजिर कर अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
सांसद और कैंट विधायक नहीं पहुंचे कंकरखेड़ा थाने में हंगामा करने के दौरान भाजपाइयों में इस बात को लेकर भी गुस्सा था कि सांसद राजेंद्र अग्रवाल और कैंट विधायक सतप्रकाश अग्रवाल थाने में प्रदर्शन के दौरान नहीं पहुंचे। दरअसल, रेस्टोरेंट मालिक मनीष चौधरी को कैंट विधायक ने ही चुनाव लड़वाया था और उसे सिर्फ दो वोट से जीत हासिल हुर्इ थी। भाजपाइयों का कहना है कि कैंट विधायक सिर्फ पोस्टरों में ही पार्षद मनीष चौधरी के साथ दिखार्इ देते हैं, जब उसका साथ निभाने की जरूरत पड़ी तो कैंट विधायक गायब हैं। सांसद के नहीं पहुंचने पर भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना गुस्सा जाहिर किया। दरोगा-पार्षद विवाद के बाद जब कैंट विधायक सतप्रकाश अग्रवाल से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी नहीं होने और पूरा मामला जानने के बाद कुछ बोलने की बात कही थी।
पुलिस के तेवर देखकर पीछे हट गए कंकरखेड़ा थाने में हंगामा के दौरान एसपी सिटी, सीओ दौराला और इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा ने भाजपाईयों को चेतावनी दी कि यहां से हट जाओ वरना सख्त कार्रवार्इ होगी। इसके बाद पुलिस अफसरों के सख्त तेवर दिखाए तो भाजपार्इ पीछे हटते चले गए।
एकतरफा कार्रवार्इ का आरोप लगाया संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता समेत तमाम पदाधिकारियों ने रेस्टोरेंट मालिक व भाजपा पार्षद पर एकतरफा कार्रवार्इ का आरोप पुलिस पर लगाया है। उनका कहना है कि पार्षद को जेल भेजने से हवालात में काफी पीटा गया। विवाद के दौरान दरोगा मोहिद्दीनपुर चौकी इंचार्ज सुखबीर पंवार ने अपनी सरकारी पिस्टल से पार्षद पर गोली चलाने का प्रयास किया, उसे सिर्फ लाइन हाजिर करके बड़ी कार्रवार्इ नहीं की। उन्होंने दरोगा और महिला मित्र के खिलाफ कड़ी धाराओं में कार्रवार्इ करने की मांग की।
ओपी सिंह ने दिए जांच के आदेश इस मामले में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने दारोगा को पिटने वाले रेस्टोरेंट मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने एडीजी मेरठ जोन को निर्देश दिया है कि वह रेस्टोरेंट के लाइसेंस आदि की जांच करवाएं और कमी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करें। साथ ही रेस्टोरेंट मालिक की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि घटना के समय दारोगा नशे में था, इसलिए उसके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
व्यापार संघ ने बुलाई बैठक व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने व्यापार संघ की एक बैठक इसी प्रकरण पर रविवार को बुलाई। जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी तरफ एक और ग्रुप दोनों पक्षों में समझौता करने के प्रयास में जुट गया है। बताया जा रहा है कि दारोगा ने समझौता मानने से साफ मना कर दिया है।
पार्षद को किसने दिया खुद कार्रवाई का अधिकार मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस पर बहस भी छिड़ गई है। जहां एक तरफ लोग ये कह रहे हैं कि दरोगा ने शराब पी रखी थी और उसकी महिला मित्र ने पहले तोड़फोड़ शुरू की तो वहीं दूसरी तरफ यह भी सवाल उठ रहें कि जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा पार्षद को किसने अधिकार दे दिया कि वह दरोगा पर हाथ उठाए या मारपीट करे।
ड्यूटी छोड़ रेस्टोरेंट में कैसे पहुंचा दरोगा बताया जा रहा है कि दरोगा की ड्यूटी दशहरे के कार्यक्रम में लगाई गई थी लेकिन वह अधिकारियों से तबीयत खराब होने की बात कहकर घर जाने को कहा। लेकिन इस बीच वह घर न जाकर अपनी महिला मित्र के साथ रेस्टोरेंट चला गया। जिसके बारे में उसका कहना है कि वह महिला मित्र के साथ किसी केस के सिलसिले में बात करने वहां गया था।