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निकाय चुनाव: मेरठ में दो गुर्जर विधायक आमने-सामने, निगाह मेयर सीट पर निशाना कहीं और…

UP Nikay Chunav: मेरठ मेयर सीट पर अतुल प्रधान और सोमेंद्र तोमर में लगातार एक मुकाबला दिख रहा है।

मेरठMay 01, 2023 / 09:58 am

Rizwan Pundeer

meerut news

अतुल प्रधान (बायें) पहली बार के विधायक हैं। सोमेंद्र 2022 में दूसरी बार मेरठ दक्षिण से जीते हैं।

मेरठ की मेयर सीट पर सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दल अपनी ताकत झोंक रहे हैं। सभा पार्टियां अपना मेयर बनाने के लिए तो जुटी ही हैं, दो नेताओं के बीच एक और जंग भी देखने को मिल रही है। ये है अपने समाज का नेता बनने की जंग। ये दोनों नेता हैं अतुल प्रधान और सोमेंद्र तोमर।
मेरठ से सपा ने सीमा प्रधान और भाजपा ने हरिकांत अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया है। सीमा प्रधान के प्रचार की कमान उनके पति सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान संभाले हैं। वहीं भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा कोई एक्टिव दिख रहा है तो वो हैं मरेठ दक्षिण से विधायक और योगी सरकार में मंत्री सोमेंद्र तोमर।

गुर्जर होने की वजह से सोमेंद्र ज्यादा एक्टिव!
मेरठ में भाजपा के लिए सोमेंद्र के ज्यादा एक्टिव होने की वजह उनका गुर्जर जाति से होना माना जा रहा है। अतुल प्रधान भी गुर्जर हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच एक अनदेखा मुकाबला गुर्जरों का नेता बनने का भी चल रहा है।
अतुल और सोमेंद्र दोनों में जाति से होने के अलावा एक और समानता भी है। दोनों ही लंबे समय तक चरण सिंह विवि की छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। अतुल शुरू से ही सपा से जुड़े हैं तो सोमेंद्र छात्र राजनीति से ही संघ और भाजपा के साथ हैं।

मेरठ में करीब 35 हजार गुर्जर वोट
मेरठ में मेयर सीट पर गुर्जर वोट करीब 35 हजार हैं। मेरठ जैसी बड़ी सीट पर ये बहुत ज्यादा संख्या नहीं है लेकिन भाजपा को डर है कि जातीय आधार पर इन वोटों का बड़ा हिस्सा सीमा प्रधान को जा सकता है। ऐसे में गुर्जरों के बीच लगातार सोमेंद्र तो उतारा गया है।
अतुल प्रधान को अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। वहीं सोमेंद्र को भी इस बार योगी कैबिनेट में जगह दी गई है। ऐसे में दोनों नेताओं की कोशिश गुर्जरों का नेता बनने की भी रही है। मेयर चुनाव में गुर्जरों के बीच से किसे कितना वोट मिलता है, इसका सीधा इन नेताओं की आने वाले राजनीति पर होगा। यही वजह है कि दोनों नेता मेयर चुनाव में जान झोंक रहे हैं।


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