मेरठ। लेडी सिंघम के नाम से प्रसिद्ध मेरठ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने यहां करीब 10 महीने कार्यभार संभालने के बाद शासन से बाल्य देखभाल अवकाश के लिए आवेदन किया था। शासन ने उनके आवेदन पर विचार करते हुए उन्हें यह अवकाश देने का निर्णय लिया। अब वह करीब चार महीने के बाल्य देखभाल अवकाश पर चली गर्इ हैं। काफी समय से वह अपने परिवार से दूर रही हैं, इसलिए शासन ने उनकी भावनाआें को समझते हुए उन्हें यह अवकाश दिया है।
यह भी पढ़ें: भाजपा के इस दिग्गज नेता ने ही कर डाली योगी के मंत्री को पाकिस्तान भेजने की मांग एक साल पहले भी किया था आवेदन योगी सरकार यूपी में आने के समय मंजिल सैनी लखनऊ की एसएसपी थी। उसके तीन महीने बाद उन्होंने नाेएडा में अपना परिवार होने के नाते कहीं आसपास ही पोस्टिंग दिए जाने का आग्रह किया था। योगी सरकार ने इस दौरान लखनऊ में बेहतर काम को देखते हुए उनका ट्रांसफर गौतमबुद्ध नगर में 49वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक के तौर पर कर दिया गया। याेगी सरकार को मेरठ में अपराध रोकने के लिए फिर लेडी सिंघम की जरूरत पड़ी तो उन्हें पिछले साल जुलार्इ में यहां एसएसपी पद पर चार्ज दे दिया। तब से वह मेरठ में ही थी।
यह भी पढ़ें:कैराना उपचुनाव को लेकर कांग्रेस का बड़ा प्लान, सपा और भाजपा में मची हलचलपरिवार के पास रहना चाहती थीं दरअसल, मेरठ में आने से पहले भी मंजिल सैनी अपने परिवार के पास ज्यादा समय नहीं रह पाई थीं। अब वह परिवार के साथ हैं। उनका परिवार नोएडा में रहता है। पति जसपाल दहल की एक्सपोर्ट कंपनी है। उनके एक बेटा व एक बेटी हैं। मंजिल सैनी देश की पहली विवाहित आर्इपीएस अफसर हैं। जसपाल आैर मंजिल सैनी की शादी को 17 साल हो गए हैं। वह 2005 बैच की आर्इपीएस अफसर हैं। दिल्ली स्कूल आफ इकोनोमिक्स के स्टूडेंट रहे जसपाल आैर मंजिल का प्रेम काॅलेज समय से ही था। जसपाल चाहते थे कि मंजिल आर्इपीएस बनें आैर खुद मंजिल सैनी भी। मंजिल की जिंदगी में यह प्रेरणा दी देश की पहली आर्इपीएस अफसर किरण बेदी ने। मंजिल सैनी के स्कूली दिनों में किरण बेदी उनके स्कूल में मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई थी तो किरन बेदी से वह काफी प्रभावित हुर्इ थीं।
यह भी पढ़ें: कैराना उपचुनाव में बुआ-भतीजे की यह जोड़ी जिता सकती है भाजपा कोआर्इपीएस बनने के बाद हुर्इ दूरी आर्इपीएस बनने के बाद मंजिल सैनी की यूपी में अलग-अलग पोस्टिंग होने के बाद से वह परिवार से लगातार दूर ही थी। गौतमबुद्ध नगर में 49वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक का चार्ज संभालने के बाद उन्हें कुछ राहत मिली थी, लेकिन मेरठ में बढ़ते अपराधों के कारण उन्हें यहां एसएसपी का चार्ज दे दिया गया। मेरठ में अपने काम को लेकर वह इतनी बिजी हो गर्इ थी कि नोएडा पास होते हुए भी नहीं जा पाती थी। यहां भी अपनी कार्यशैली के चलते वह ‘लेडी सिंघम’ नाम से मशहूर रही, लेकिन परिवार से दूरी यहां भी रहने से उन्हें बाल्य देखभाल अवकाश लेना पड़ा।
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Hindi News / Meerut / जब इस आईपीएस लेडी सिंघम के दिल में जागी मां की ममता तो किया यह काम