फायदेमंद है, फिर भी खरीदार नहीं
दुकानदारों का कहना है कि साइकिल चलाने से न केवल पूरे शरीर की कसरत हो जाती है, बल्कि धमनियों में रक्त का प्रवाह भी बराबर बना रहता है। इस फायदे को सभी जानते हैं। यह फायदे बाइक या कार चलाने में नहीं है। इसके बाद भी अब इसके खरीदार गायब होने लगे हैं।
कुम्हारवाड़ा में साइकिलों की मरम्मत करने वाले अब्दुल करीम ने बताया कि वह पिछले ४० साल से साइकिल की दुकान चला रहे हैं। अब तो पुरानी में, वो भी छोटी साइकिलों को चलाने के लिए कुछ छोटे बच्चे आ जाते हैं। वे किराए पर साइकिल थोड़ी देर के लिए ले जाते हैं। रोजाना का इनसे केवल ३०-४० रुपए ही मिल पाता है। केवल इसी के सहारे रहते तो दुकान कब की बंद हो जाती, वाहनों के पंक्चर आदि भी बनाना सीखना पड़ा, तब जाकर दुकान चल रही है। नहीं तो बाइक के सामने अब साइकिल की क्या मजाल।