एटीएस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए दोनों युवक देवबंद के मदीना कालोनी में रहते थे। शक के आधार पर ये दोनों कई दिनों से इलेक्ट्रानिक सर्विलांस पर थे। एटीएस साइबर स्पेशलिस्ट युवकों की हरकतों पर नजर रख रही थी। इस दौरान सोशल मीडिया का एक चैट पकड़ में आ गया। जो इन्होंने अपने हैंडलर को किया था। इसके बाद एटीएस टीम ने दबिश देकर दोनों को गिरफ्तार किया। लोकल पुलिस के अनुसार गिरफ्तारी के बाद एटीएस टीम दोनों को किसी अज्ञात स्थान पर ले गई। जहां पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों के पास बांग्लादेशी नागरिकता के प्रमाण के साथ भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। एटीएस के सूत्रों के मुलाकात दोनों युवक पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं। सोशल मीडिया के अलावा अन्य कई अन्य संगठनों से आतंकियों के संपर्क में थे। यहां पर दोनों युवकों को गजवा ए हिन्द मिशन पर भेजा गया था। दोनों करीब दो साल से मिशन पर देवबंद आए और स्लीपर सेल नेटवर्क खड़ा करने में जुटे थे।
बना रहे थे स्लीपर सेल नेटवर्कदोनों युवकों ने पिछले दिनों शामली में कुछ युवाओं से संपर्क किया था। उन्हें अपने नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इनपुट के आधार पर इन्हें गिरफ्तार किया है। एटीएस अधिकारियों के अनुसार पकड़े गए आतंकियों से उनके संगठन की जानकारी ली जा रही है।
पूछताछ में मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने देवबंद और आसपास के इलाकों में दबिश तेज कर दी है। बता दें कि इससे पहले यूपी एटीएस ने देवबंद से कई संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। आम तौर पर देवबंद में दुनिया भर से छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। पढ़ाई की आड़ में आंतकी यहां आते हैं और देश विरोधी गतिविधियों की साजिश बनाते हैं।