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गौरतलब है कि बिजनौर से गुरु किन्नर के 17 लाख के जेवर और दो लाख रुपये नगद लेकर भागे किन्नर को मेरठ पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस से मिली सूचना पर बिजनौर से आए किन्नरों ने सारा सामान बरामद हो जाने पर राहत की सांस ली और आरोपी किन्नर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कहकर उसको छोड़ने के लिए बोल दिया।
मेरठ लिसाडी गेट क्षेत्र का रहने वाला किन्नर बिजनौर में मंदाकिनी किन्नर के पास रहकर काम करता था। उसने मंदाकिनी को अपना किन्नर गुरू मान लिया था। मंदाकिनी गुरू ने उस पर भरोसा किया और उसको अपने घर की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। मेरठ का किन्नर तीन दिन पहले बिजनौर से मंदाकिनी की जीवनभर की कमाई लेकर रफूचक्कर हो गया। इसकी तहरीर मंदाकिनी ने बिजनौर कोतवाली में दी। बिजनौर कोतवाली पुलिस ने थाना लिसाड़ी गेट पुलिस को इसकी सूचना दी। लिसाड़ी गेट पुलिस ने शुक्रवार देर रात आरोपित के घर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। कुछ ही देर बाद मुखबिर की सूचना पर आरोपित को सोहराब गेट बस अड्डे के पास से सामान सहित पकड़ लिया गया।
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बिजनौर से कोतवाली के सिपाही के साथ किन्नरों का दल शनिवार सुबह लिसाड़ी गेट थाना पहुंचे। यहां किन्नर मंदाकिनी ने पुलिस को बताया कि आरोपित उसके घर से 52 तोले सोने के साथ दो लाख नकद लेकर भागा है। पुलिस ने सारा माल बरामद कर किन्नरों को सौंप दिया। लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर रघुराज सिंह ने बताया कि मंदाकिनी ने बिजनौर कोतावली में तहरीर दी थी। वहां से एक सिपाही मेरठ आया था। किन्नरों ने आरोपी किन्नर के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने चोरी का सामान और आरोपी को साथी किन्नरों को सौंप दिया।