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नगर निगम में धरने पर चिकन-बिरयानी दावत उड़ाने के मामले ने तूल पकड़ा, भाजपाइयों में उबाल फार्मासिस्टों का पंजीकरण आसान पोर्टल आॅनलाइन होने से फार्मासिस्टों के पंजीकरण में आसान होगी। फार्मासिस्ट ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म भर कर अपने जरूरी कागजात साफ्टवेयर में अपलोड कर देगा। इसके साथ ही उसे आधार कार्ड भी लिंक करना होगा। इसके बाद एक बार उसे कार्यालय आकर अपलोड डॉक्यूमेंट की फाइल जमा करनी होगी। इसके बाद फार्मासिस्ट को एक यूनिक नंबर दे दिया जाएगा। ऐसे में उसे पंजीकरण व रिन्युवल के लिए बार-बार भटकना नहीं पड़ेगा। पोर्टल जनवरी में ही लॉन्च करने का प्लान है।
मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी आसान सहायक आयुक्त के मुताबिक पोर्टल पर मेडिकल स्टोर के नए लाइसेंस व नवीनीकरण प्रक्रिया भी आसान होगी। दुकानदार आवश्यक सभी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर देगा। यह दस्तावेज ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी चेक करेगा। वहीं ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर जाकर निरीक्षण करेगा। वह ऑनलाइन रिपोर्ट इंट्री कर देगा। इसके बाद लाइसेंस निर्गत कर दी जाएगी।
नहीं कर सकेंगे फर्जीवाड़ा नया साफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन के बाद फार्मेसिस्टों द्वारा किया जाने वाला फर्जीवाड़ा पूरी तरह से रुक जाएगा। इसके तहत वे एक मेडिकल स्टोर पर ही अपना लाइसेंस बिक्री के लिए दे सकेंगे। अगर कोई फार्मेसिस्ट ऐसा करता पाया जाता है तो साफ्टवेयर में मेडिकल स्टोर का ब्यौरा डालते ही फार्मेसिस्ट की पूरी डिटेल आ जाएगी कि उसने और कहां-कहां पर अपने नाम से लाइसेंस लिया हुआ है। इसके बाद उस पर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। जांच सही पाए जाने पर उसका लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है। औषधि निरीक्षक नरेश मोहन ने बताया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होने के साथ ही फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगाएगी। इससे उन फार्मेसिस्टों पर भी अंकुश लगेगा, जो नकली लाइसेंस पर मेडिकल स्टोर खोल लेते हैं।