यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन बड़ी वारदात, एग्जाम सेंटर से प्रश्न पत्र लूटने की कोशिश, तीन गिरफ्तार आपको बता दें कि थाना सरूरपुर क्षेत्र के गांव राजपुरा में चेतन नाम के लड़के की 2016 में हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मृतक की मां सावित्री और भाई मितन गवाह बने थे, मृतक चेतन के परिजन बने गवाहों ने गांव के ही सुमित जाट पर हत्या करने के आरोप लगाए थे। हालांकि वर्तमान में सुमित जाट जेल में है और उस पर 50000 का इनाम भी घोषित था, लेकिन जेल में रहने के बावजूद भी सुमित जाट गवाहों को मारने की धमकी दे रहा था। इसको लेकर पीड़ितों ने एसएसपी मंजिल सैनी से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए आरोप लगाया था कि उनकी जान को खतरा है।
एसएसपी मंजिल सैनी ने मां और पुत्र दोनों गवाहों को गनर मुहैया करा दिया था, लेकिन बावजूद इसके करीब 5 दिन पूर्व गवाह सावित्री पर जानलेवा हमला किया गया और जंगल में
काम करने के दौरान उनके सिर में गोली मार दी गई थी। बुधवार को महिला सावित्री की उपचार के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद से परिवार में दहशत फ़ैल गई है, जबकि पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। गौरतलब है कि इस परिवार पर 2016 से अत्याचार हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी पुलिस इस परिवार की सुरक्षा नहीं कर पा रही है।
कल भी मृतक महिला का बेटा मितन सुमित जाट के खिलाफ गवाही देने के लिए कोर्ट में आया था, जिसको सुमित जाट ने न केवल धमकाया बल्कि जान से मारने की कोशिश भी की। हालांकि कचहरी परिसर में तमाशे के दौरान पुलिस ने बीच बचाव कराया और गवाह को कोर्ट में भेज दिया गया, लेकिन सवाल यह है कि इस तरह से पुलिस की मौजूदगी में गवाहों को टारगेट कर गोलियों से भूनकर हत्या की जा रही है तो ऐसे में कैसे प्रदेश की कानून व्यवस्था दुरुस्त हो पाएगी।
यह भी देखें-पचास हजार का इनामी विकास जाट ढेर आपको बताते चलें कि परतापुर क्षेत्र के सोरखा गांव में भी गवाह मां बेटे को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया था, इस मामले में पुलिस दो बड़े आरोपियों को नहीं पकड़ पाई थी। मुख्य आरोपी मांगे ने दिल्ली से सेटिंग करके सरेंडर कर दिया, जबकि दूसरे 50 हजार के आरोपी विकास जाट को मुजफ्फरनगर पुलिस ने मार गिराया, दोनों ही बदमाश मेरठ पुलिस की पकड़ से बाहर रहे और अब बदमाशों की गोली से घायल महिला की मौत भी हो गई।