नई एसओजी टीम का प्रभारी लिसाड़ी गेट के एसएसआइ रामफल सिंह को बनाया है। इसके अलावा टीम में पुलिस लाइन से छह सिपाही, पांच थानों से एक—एक सिपाही को एसओजी में भेजा गया है। बता दें कि जानी पुलिस और एसओजी ने संयुक्त रूप से गांजा पकड़ा था। थाने में दर्ज कराई फर्द में एसओजी टीम से एसआइ धर्मेंद्र शर्मा और सिपाही कुर्बान को दिखाया गया है। जबकि शादी में हर्ष फायरिंग का वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी ने कुर्बान को लाइन हाजिर कर दिया था। इसके बावजूद कुर्बान एसओजी के लिए काम कर रहा है। जानी थाने की जीडी में कुर्बान की आमद बतौर एसओजी के सिपाही के रूप में दर्ज हुई है।
एसओजी के नए प्रभारी पर वाहन चोर नवाब का मुकदमे से नाम निकालने के लिए हुई सौदेबाजी के आरोप लगे थे। कप्तान को सूचना मिली थी कि दो मुकदमों से नवाब का नाम निकालने के लिए लिसाड़ीगेट पुलिस ने साढ़े तीन लाख की मांग की है। इसके बाद एसओजी ने नवाब को मुठभेड़ के बाद दबोचा था। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि एसओजी की पूरी टीम की निगरानी की जाएगी। अफसरों की जानकारी में मामला आने के बाद ही दबिश डाली जाएगी।