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बिजली के बिल को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, लॉकडाउन में परेशान लोगों को मिलेगी राहत संभल निवासी मनोज कुमार के मुताबिक मेडिकल में भर्ती उनके रिश्तेदार भगवत शरण शर्मा की दो दिन पहले कोरोना से मौत हो गई थी। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 20 घंटे से भी अधिक समय तक मृतक का शव मेडिकल की मोर्चरी में पड़ा रहा। दरअसल, मेरठ और संभल जिला प्रशासन के बीच एक मत नहीं था। संभल जिला प्रशासन नहीं चाहता था कि शव का अंतिम संस्कार संभल में हो। इसकी वजह से दोनों प्रशासन एक-दूसरे पर बात डालते रहे। सोमवार को डॉक्टरों ने भगवत के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। जिसके बाद उनके रिश्तेदार मनोज एंबुलेंस में शव लेकर सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंच गए। आरोप है कि रात भर कई अधिकारियों को फोन करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी शव का अंतिम संस्कार कराने नहीं पहुंचा। जिसके बाद मनोज ने सोशल मीडिया पर पूरे प्रकरण का वीडियो वायरल कर दिया।
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लॉकडाउन के दौरान बच्चों के विवाद में पथराव और हुई 50 राउंड फायरिंग, दो युवक घायल सोशल मीडिया में मामला वायरल होते ही आनन-फानन में मेडिकल के कर्मचारी श्मशान घाट पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार कराया। श्मशान घाट के आचार्य पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि चालक रात लगभग नौ बजे शव लेकर श्मशान घाट पहुंचा था। सुबह सीएमओ के हस्तक्षेप के बाद शव का अंतिम संस्कार कराया गया। इसी के साथ शमशान घाट के हर इलाके को सैनिटाइज किया गया।