script‘भावी पीढ़ियों के लिए धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान आवश्यक देें’ | RSS Dr. Mohan Bhagwat and Swami Chidanand releas the book in Meerut | Patrika News
मेरठ

‘भावी पीढ़ियों के लिए धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान आवश्यक देें’

आज आरएसएस सरसंघचालक डा0 मोहन भागवत और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पशु चिकित्सा विभाग सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मोदीपुरम में नीर फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां व समाधान कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान,भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां एवं समाधान पुस्तक का विमोचन किया गया। डा0 मोहन भागवत को स्वामी चिदानन्द द्वारा रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया।

मेरठJun 15, 2022 / 06:08 pm

Kamta Tripathi

'भावी पीढ़ियों के लिए धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान आवश्यक देें'

‘भावी पीढ़ियों के लिए धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान आवश्यक देें’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डा मोहन भागवत एवं परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने नीर फाउंडेशन द्वारा ‘भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां व समाधान’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम में सहभाग कर जल के संरक्षण और घटते जल स्तर के विषय में विस्तृत चर्चा की। डा0 मोहन भागवत, स्वामी चिदानन्द सरस्वती, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुलपति आरके मित्तल, पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एनके तनेजा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इसके बाद ‘भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां व समाधान’ पुस्तक का विमोचन किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत के जल संसाधनः मुद्दे, चुनौतियां व समाधान’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि समय आ गया है कि अब हम वर्षा का जल अधिक-से-अधिक संचयन करने की कोशिश करें, क्योंकि जल का कोई विकल्प नहीं है, इसकी एक-एक बूँद अमूल्य है, अमृत है इसलिये जल को सहेजना बहुत ही आवश्यक है। हम भावी पीढ़ियों के लिये धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। अगर अभी भी जल नहीं सहेजा गया तो हम और हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि पिघलते ग्लेशियर और ग्लोबल वार्मिग जल संकट की विभीषिका को बयाँ कर रहे है। निःसंदेह दुनिया विकास के मार्ग पर अग्रसर है, लेकिन कई शहरों में लोगों को स्वच्छ जल मिलना कठिन हो रहा है इसलिये जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाना होगा।
यह भी पढ़े : Kharif harvest seminar in Meerut : खेती में बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी — कृषि आयुक्त मनोज सिंह


सरसंघ चालक डा0 मोहन भागवत ने कहा कि घटता जलस्तर आज भारत ही नहीं विश्व के लिए चिंता का कारण है। अगर हमने पर्यावरण को नहीं सहेजा तो आने वाली पीढ़ियों के पास एक बूंद पानी नहीं रहेगा। अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का सरंक्षण करना जरूरी है। यह तभी संभव है जबकि हम पर्यावरण के प्रति सचेत हों। स्वामी ने सभी विशिष्ट अतिथियों और संस्थापक नीर फाउंडेशन श्री रमन कांत जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर इस उत्कृष्ट कार्य हेतु साधुवाद दिया।
संस्थापक नीर फाउंडेशन रमन कान्त और कार्यक्रम समन्वयक नवीन प्रधान ने सभी विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

Hindi News / Meerut / ‘भावी पीढ़ियों के लिए धन सहेजे या न सहेजे परन्तु जल और पर्यावरण पर ध्यान आवश्यक देें’

ट्रेंडिंग वीडियो