Arms Licence: लाइसेंस कैंसिल कर जब्त होंगे इन लोगों के हथियार
इस समय विंशोत्तरी दशा सूर्य, शुक्र, गुरु व चन्द्र की चल रही होगी। आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग, बुधादित्य योग तथा शनि-चंद्र के मिलन से विष योग अर्थात् चतुर्योग बन रहा होगा। ऐसा इस शताब्दी में पहली बार हाे रहा है। यह योग बहुत ही मंगलकारी व कल्याणकारी है। पंडित भारत ज्ञान भूषण का यह तक मानना है कि इस याेग में शिवकृपा से कोरोना के प्रभाव तक के बचावसम्भव हो सकेगा। श्रावण पूर्णिमा पर ऋषि पूजन, गुरू वंदना तथा वेदों के अध्ययन के प्रारम्भ का अत्यंत शुभ मुहूर्त होता है। इस दिन पुराना यज्ञोपवीत उतारकर नया धारण करना, ज्ञान विद्या तथा शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढना, शुभ सफलता का प्रतीक होता है।बहनें अपने भइया को जहां भी रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधी जा रही हो वह घर या तो पूजा स्थल हो या पूर्वा उत्तर दिशा का शुभ क्षेत्र होना चाहिए। इसके अलावा वातावरण शांति और उल्लासता के साथ स्वच्छता व शुद्धता भी हाेनी चाहिए। भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन त्यौहार चार बड़े त्यौहारों में सबसे पहला और सबसे बड़ा सात्विक त्यौहार माना जाता है। बहन पूजा की थाली में राखी के साथ रोली, चावल, मिष्ठान तो रखती ही हैं साथ ही प्रज्ज्वलित दीपक भी करती हैं। बहन को स्वयं उत्तर की तरफ मुख करके बैठना चाहिए। जो भाई राखी बंधवाने के लिए बैंठे वो अपना मुख पूर्व की ओर रखें और केवल दायी कलाई में ही राखी बंधवायें। राखी बंधवाते समय अपनी मुट्ठी में फूल व हल्दी से रंगे पीले चावलों को अवश्य रखें।
अभिजित मुहूर्त दोपहर – 12:00 से 12:53 तक
अपरान्ह मुहूर्त दोपहर – 01:48 से 04:29 तक
लाभ मुहूर्त दोपहर बाद – 03:48 से 05:29 तक
संध्या अमृत मुहूर्त सांय – 05:29 से 07:10 तक
प्रदोष काल मुहूर्त सांय – 07:06 से 09:14 रात्रि