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अगले लोक सभा चुनाव के लिए यहां हो रहा था असलाह तैयार, राइफल बनाकर सात हजार में बेचते थे यह है पूरा मामला किला परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गाव एत्मादपुर की निवासी युवती की शादी दो अप्रैल को मुजफ्फरनगर निवासी युवक के साथ हुई थी। आठ अप्रैल को युवक विवाहिता को मायके में मिलाकर वापस अपने घर लौट रहा था। किला परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में दूसरे समुदाय के युवक शहजाद ने विवाहिता की कार पर हमला बोल दिया और उसके पति को घायल कर अपहरण करके ले गया। इस मामले में गाव में तनाव हो गया और कई लोगों को नामजद कराया गया। पंचायतें भी हुई और बीजेपी के विधायकों ने चेतावनी तक दे डाली। खूब दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने विवाहिता को परतापुर थाना क्षेत्र के शताब्दी नगर से एक मकान से बरामद कर लिया। जबकि शहजाद फरार हो गया। इस मामले में नया मोड़ उस समय आया जब विवाहिता को कोर्ट में पेश किया गया। अपने बयानों में विवाहिता ने साफ कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ था। वह अपनी मर्जी से शहजाद के साथ गई थी। विवाहिता ने यह भी कहा कि उसने अपनी दूसरी शादी होने से पहले शहजाद से शादी कर ली थी। यह उसके परिवार को भी पता था, लेकिन जबरन उसकी दूसरी शादी की गई। दो दिन तक मामले पर विचार चलता रहा और तीसरे दिन अदालत ने फैसला सुनाया कि विवाहिता को उसकी इच्छा के अनुसार छोड़ा जाए। जिसके बाद मंगलवार को एसपी देहात ने कड़ी सुरक्षा में विवाहिता की इच्छा के अनुसार हरिद्वार में उसके मामा के घर छोड़ दिया।
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थाने में इनकी शादी कराकर पुलिस ने पेश की एेसी मिसाल, बरसों रखेंगे लोग याद अपने भार्इ को गोली लगवाने की आरोपी उधर भावनपुर थाना पुलिस ने विवाहिता को 307 के मुकदमे में नामजद कर लिया। गौरतलब है कि जब विवाहिता गायब थी तो विवाहिता के भाई को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। इस प्रकरण में भाई की तरफ से अपहरणकर्ता शहजाद को नामजद कराया गया था। अब भाई ने पुलिस को शपथ पत्र देकर आरोप लगाया है कि जिस समय उसको गोली मारी गई उस समय उसकी बहन भी शहजाद के साथ थी। एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि विवाहिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुकदमे में भी नामजद कर लिया है। अब उसे जेल भेजा जा रहा है।