यह भी पढ़ेंः
लॉकडाउन के दौरान सूनी सड़क पर तेज रफ्तार से आ रही बाइकों में भीषण टक्कर, आग लगने के बाद मच गई चीख-पुकार लॉकडाउन लगातार लागू रहने के बाद भी मेरठ में कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। इसी कारण पूरा मेरठ जनपद रेड जोन में शामिल है। मेरठ में कंटेनमेंट जोन के बाहर ही उद्योग संचालित करने की अनुमति दी जा रही है। प्रमुख सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश और पीटीएस की आईजी लक्ष्मी सिंह ने जिला प्रशासन के साथ बैठक की। इसके बाद जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने मेरठ के उद्यमियों के साथ बचत भवन में बैठक की। डीएम ने कहा कि कंटेनमेट जोन को पुन: परिभाषित किया जा रहा है। कंटेनमेट जोन में औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। नॉन कंटेनमेट जोन में ऐसे उद्योगों को ही संचालित करने की अनुमति मिलेगी, जिनके श्रमिक या तो फैक्ट्री के अंदर रहे या फैक्ट्री के आसपास नॉन कंटेनमेंट जोन में रहते हो। कंटेनमेट जोन में किसी भी श्रमिक को पास नहीं दिया जायेगा। डीएम ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ही औद्योगिक गतिविधियों को संचालित करने का है। जिलाधिकारी ने उद्यमियों से कहा कि वह वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न वर्तमान माहौल मे सहयोग करें। शारीरिक दूरी और लॉकडाउन का पालन कराया जाए।
यह भी पढ़ेंः
Meerut: कोरोना के संक्रमण से 21वीं मौत, पांच नए केस के बाद संक्रमितों की संख्या हुई 345 उपायुक्त उद्योग वीके कौशल ने बताया कि वर्तमान में करीब 400 उद्योगों को संचालित करने की अनुमति दी गयी है। कंटेनमेंट जोन के पुन: परिभाषित होने के बाद अगर परतापुर, मोहकमपुर व बागपत रोड पर औद्योगिक क्षेत्र संचालित किए जाते है तो करीब 2000 और उद्योगों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाने की संभावना है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ईशा दुहन, पुलिस अधीक्षक नगर अखिलेश नारायण सिंह, आईआईए के अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल, रामकुमार गुप्ता, अश्विनी गेरा, राकेश रस्तोगी, डीके शर्मा आदि मौजूद थे।