घटना कमिश्नरी चौराहे की है जहां पर पीएसी पीकेट भी मौजूद रहती है। पास में ही एक टयूबबेल है। पीएसी के जवान इसी ट्यूबवेल पर खाने और सुस्ताने के लिए बैठ जाते हैं। यहीं पर ही एक आवारा कुत्ता भी घूमता रहता है। जिसका नाम राकेश रखा हुआ है। पीएसी के जवानों से जो भी रोटी पानी मिलता है उसे ही खाकर राकेश अपना पेट भर लेता है। पीएसी के जवानों से कुत्ते राकेश की इतनी आत्मीयता है कि पीएसी के जवानों के डयूटी पर पहुंचते ही वह उनके पास पहुंच जाता था। लेकिन जब पीएसी के जवान पहुंचे तो राकेश उनको दूसरी अवस्था में ही मिला। राकेश जमीन पर पड़ा अपनी आखिरी सांसें गिन रहा था। जवानों को समझते देर नहीं लगी कि वह ठंड से अकड़ गया है और उसकी किसी भी समय जान जा सकती है। सड़क पर निरीह पड़े राकेश को बचाने के लिए पीएसी के जवान जुट गए।
पीएसी के जवान आशुवीर ने उसे उठाया और अपने हाथों से मालिश करने लगा। अपने साथी को देखकर अन्य जवान अजीजुर्रहमान भी आ गए और उन्होंने राकेट के पास आग का प्रबंध किया। पीएसी के दूसरे जवान कुत्ते के लिए गर्म चाय बनवाकर लाए और उसका मुंह खोलकर चाय डाली। मुंह में चाय जाते ही और शरीर में गर्माहट आते ही कुत्ते के शरीर में हलचल शुरू हुई। इसके बाद पीएसी के जवान अपने ही वाहन में लेकर उसे जिला पशु चिकित्सालय ले गए। जहां पर चिकित्सक ने उसे इंजेक्शन लगाया। पीएसी के जवानों की बदौलत कुत्ते राकेश की जान बच गए।
चारोंं ओर हो रही जवानों की प्रशंसा मानवीयता की मिसाल पेश करने वाले इन पीएसी के जवानों की चारों ओर प्रशांसा हो रही है। ऐसे समय में जबकि खाकी को बहुत घृणा की दृष्टि से लोग देखते हैं। वहीं एक बेजुबान की जान बचाकर खाकी ने जो मिसाल पेश की है वह वाकई काबिलेतारीफ है।