Meerut: महिला को अगवा कर चलती कार में गैंगरेप, जंगल में ले जाकर भी किया रेप
अकेले मेरठ में सरकारी और निजी पांच अस्पतालों में संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। मेरठ में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों से अब जिले के सभी कोविड-19 अस्पताल करीब-करीब फुल हो चुके हैं। इसी कारण औसतन हर अस्पताल में 40 से 45 सिलेंडरों की रोज जरूरत पड़ रही थी। अप्रैल-मई में रोजाना 70 से 80 सिलेंडर की मांग होने लगी है। जून में कुछ कमी आई, लेकिन जुलाई में अप्रैल वाली स्थिति बन गई। अगस्त में ऑक्सीजन की मांग तीन गुनी हुई तो बीते सप्ताह से कोविड अस्पतालों में रोज 140 से 160 सिलेंडर की मांग आने लगी। कंपनियों ने चार गुणा सिलेंडर की आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए हैं। गंभीर मरीजों को देखते हुए अस्पतालों को डेढ़ से दोगुने दाम में गैस खरीद करनी पड़ रही है। चार गुना बढ गई आक्सीजन सिलेंडर की मांग
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले करन गैस कंपनी के संचालक करण मल्होत्रा ने बताया कि सिर्फ यहां ही नहीं पूरे प्रदेश में यही हाल हैं। चार गुणा ऑक्सीजन की मांग हो रही है। दो गुणा तक ही आपूर्ति कर पा रहे हैं। सामान्य अस्पतालों में भी मांग ज्यादा आ रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत भी बढ़ गई है। आनंद अस्पताल के मुनीष पंडित ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर और तरल ऑक्सीजन की कमी हो गई है। सिलेंडर की डेढ़ से दो गुनी कीमत लेने पर भी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। सरस अस्पताल के डॉक्टर बजाज ने बताया कि दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद में ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई है, इस कारण मेरठ में भी ऑक्सीजन की कमी है। जरूरत पर एक-दूसरे अस्पताल सहयोग कर रहे हैं।
बाहरी जिलों से हो रही आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति
जिले में आक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाले करीब 15 सप्लायर्स हैं जो कि विभिन्न अस्पतालों और अन्य संस्थानों में आक्सीजन की सप्लाई करते हैं। ये सभी लोग भी अब आपूर्ति पूरी नहीं कर पा रहे हैं। करण मल्होत्रा बताते हैं कि ऑक्सीजन की डिमांड कभी भी ऐसी नहीं रही जैसी कि इस समय कोरोना संक्रमण काल में है।