शादी में आए 11 लाख रुपए लौटाकर दूल्हे ने कहा मेरे लिए तो ‘दुल्हन ही दहेज है’
सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन शाम को मोदीपुरम में ऑटोमेटिक मॉनीटरिंग पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर मेरठ में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। पीसीबी द्वारा तय मानकों के अनुसार वायु गुणवत्ता एक्यूआइ 0-50 तक रहने पर अच्छी, 51-100 तक संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब, 301-400 तक बहुत खराब और 401-500 तक खतरनाक स्थिति में रहती है। मेरठ में गुरुवार को वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में रहने से श्वास, फेफड़े और हृदय रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां हवा में घुले अति सूक्ष्म कण मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के पांच गुना से अधिक रहे। कार्बन मोनोआक्साइड की अधिकतम मात्रा मानक चार माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के 50 गुना से अधिक रही। इस तरह से मेरठ देश में पांचवा और उत्तर प्रदेश में दूसरा प्रदूषित शहर रहा।प्रदूषक तत्व, न्यूनतम, अधिकतम, औसत
कार्बन मोनोआक्साइड, 07 274 309
नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड 28 155 87
ओजोन 04 219 98
अति सूक्ष्म कण, 215 420 326
पिछले 10 साल में गर्म रही मेरठ में 19 नवंबर की सुबह
19 नवंबर सुबह तापमान 26 डिग्री सेंटीग्रेट रहा है जो कि पिछले 10 साल में सबसे अधिक रिकार्ड किया गया। इससे पहले 2010 में मेरठ का तापमान 19 नवंबर को 23:9 डिग्री रिकार्ड किया गया था। इसके बाद से तापमान हमेशा 20 से 22 डिग्री के बीच ही बना रहा। इस बार यह 26 डिग्री तक पहुंच गया। तापमान में यह वृद्धि वायु प्रदूषण के कारण भी बताई जा रही है। हवा की रफ्तार भी बिल्कुल न के बराबर बनी हुई है।