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VIDEO: मेरठ के डीएम ने समाज को जागरूक करने के लिए अपने बच्चों के साथ किया ऐसा उन्होंने कहा कि इसको का धर्म विशेष से जोड़कर देखना गलत है। ऐसा क्यों किया जा रहा है यह पता नहीं चल रहा। उन्होंने कहा कि महिलाआें की उन्नति के लिए यह एक अच्छा कदम है। कोई भी सरकार इस कदम को उठाती तो हमें उसकी सराहना करनी चाहिए न कि इसकी आलोचना। उन्होंने कहा कि तीन तलाक न तो किसी तरह से वैधानिक था और न ही ये इस्लामिक है। इसको धर्म और राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। जो इसको ऐसा करने पर तुले हैं वे तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक टीवी डिबेट में एक मौलाना ने एक महिला को बोल दिया कि आपको इस्लाम की जानकारी नहीं है तभी आप तलाक के बारे में ठीक तरह से नहीं जानती है।
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सपना चौधरी की ‘तंदूरी नाइट’ पर यूपी के इस शहर में लगी लगाम, कानून व्यवस्था खराब होने का था खतरा उन्होंने कहा कि तलाकशुदा महिलाएं किस तरह की पीड़ा से गुजरती हैं यह वे ही जानती है। उन्होंने बताया कि पिछले 20 महीने में 400 से अधिक तलाक के केस सामने आए हैं। ये तो वे हैं जो मीडिया और कोर्ट के सामने संसद के सामने आए। देखा जाए तो संख्या इनसे कहीं अधिक ज्यादा है। इतनी बड़ी मात्रा में भी तलाक के केस आने के बाद भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह राज्यसभा में भी पास हो जाएगा। जो कि सभी वर्ग की महिलाआें के लिए फायदेमंद होगा।