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एम्बुलेंस में गर्भवती की मौत मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश, सात निजी अस्पतालों को नोटिस जारी चैपल स्ट्रीट निवासी मुन्नी देवी की बेटी निकी की शादी दिल्ली के मादीपुर सी ब्लाॅक में हुई थी। मुन्नी देवी की बड़ी बेटी भी वहीं उसी घर में ब्याही है। कुछ दिन पूर्व निकी को टाइटफाइट हुआ तो उसे दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर 5 दिन पूर्व उसकी मौत हो गई। कोरोना जांच करवाने पर रिपोर्ट निगेटिव आई। अस्पताल प्रबंधन ने निकी की लाश दिल्ली पुलिस के हवाले कर दी। दिल्ली पुलिस ने ससुराल वालों को लाश देने से मना कर दिया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि लाश मायके वालों की मौजूदगी में सुपुर्द की जाएगी। इसी बीच मुन्नी देवी के परिवार में एक व्यक्ति केरोना पाजिटिव आ गया, जिसके चलते पूरा परिवार क्वारंटीन हो गया। किसी तरह से स्वास्थ्य विभाग की इजाजत लेकर मुन्नी देवी बेटी की लाश लेने के लिए दिल्ली पहुंची तो दिल्ली पुलिस के एसआई सूूरज सिंह और कांस्टेबल लाल चंद ने बेटी की लाश उसकी मां मुन्नी देवी को देने से मना कर दिया। मुन्नी देवी ने अपना आधार कार्ड भी दिखाया, लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं है।
वहीं निकी की बड़ी बहन और ससुराल वालों ने कहा कि ये उसकी मां है, लेकिन दिल्ली पुलिस इसके बाद भी मां से सबूत मांग रही है। बेचारी मुन्नी देवी तीन दिन से दिल्ली स्थित अस्पताल के गेट पर बैठी बेटी की लाश का इंतजार कर रही है। बेरहम दिल्ली पुलिस बेटी की लाश मां को सौंपने के लिए तैयार नहीं है। इस बारे में जब एसपी सिटी डाॅ. एएन सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो वे यहां से पुलिस मदद कर सकते हैं।