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इस 17 साल के लड़के ने दुल्हन को शादी के दिन दिया ऐसा गिफ्ट, जानकर रह जायेंगे दंग यह है मामला परीक्षितगढ़ स्थित अगवानपुर गांव निवासी पूर्व प्रधान राजबीरी देवी का पुत्र अमन करीब एक वर्ष पूर्व सऊदी अरब के शहर रियाद में नौकरी करने गया था। वहां पर सितंबर 2017 में भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई। सड़क हादसे में उसका शव बुरी तरह से जल चुका था, जिस कारण उसे पहचानना मुश्किल हो रहा था। अमन के मरने की सूचना जब उसके परिजनों को लगी तो परिवार में मातम छा गया। उन्होंने शव को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की तो रियाद प्रशासन ने शव को देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उसकी पहचान नहीं हो रही। शव अमन का ही है या किसी और का इस कारण परिजनों से उसका डीएनए मेल कराया जाएगा। डीएनए मेल होने पर ही अमन का शव भारत भेजा जा सकता है। मृतक अमन के परिजनों ने अपने डीएनए सेंपल कराए और भारतीय एंबेसी के माध्यम से साउदी अरब के रियाद प्रशासन को भेजा। जिस पर रियाद प्रशासन ने डीएनए मैच किया तो साबित हुआ कि शव अमन का ही है और उसके शव को भारत भेज दिया। डीएनए टेस्ट और उसके मैच प्रक्रिया में ही सात माह से अधिक का समय लग गया। जिस कारण अमन का शव रियाद की मोर्चरी में ही रखा रहा।
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बिजली विभाग शुरू करने जा रहा ऐसा अभियान कि चोरों की आ जायेगी शामत, भागने के सभी रास्ते होंगे बंद शव के लिए मुश्किलें झेलनी पड़ी सऊदी से अमन का शव भारत लाने में उसके परिजनों को कठोर प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। मेरठ जिलाधिकारी के निर्देश पर अमन के माता-पिता का डीएनए टेस्ट जिला अस्पताल में कराया गया, लेकिन कई माह के बाद भी जिला अस्पताल से उसकी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। वे कई बार जिला अस्पताल के चक्कर काटकर परेशान हो गए। थक-हारकर उन्होंने प्राइवेट लैब में ही डीएनए टेस्ट कराया और उसे भारतीय एंबेसी के माध्यम से रियाद भेजा।