पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार यदि व्यापार में लगातार घाटा हो रहा हो तो दशहरे के दिन सवा मीटर पीले कपड़े में एक नारियल लपेट लें। इस नारियल को जनेऊ और सवा पाव मिठाई के साथ किसी भी राम मंदिर में अर्पित कर दें। ऐसा करने से व्यापार में लाभ के साथ वृद्धि भी होगी।
वहीं परिवार की गरीबी दूर करने के लिए दशहरे के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में जटावाला नारियल, गुलाब, कमल के फूलों की माला,सवा मीटर गुलाबी कपड़ा, सवा मीटर सफेद कपड़ा,सवा पाव चमेली, दही, सफेद मिठाई और एक जोड़ा जनेऊ माता को अर्पित करें। इसके बाद मां की कपूर और देसी घी से आरती उतारकर श्रीकनकधारा स्तोत्र का जाप करें। कुछ ही दिन में आर्थिक हालात बेहतर होने लगेंगे।
दशहरे के दिन दीपावली की तरह चौकी सजाकर गणेश जी और महालक्ष्मी रखें। इसके बाद चावल की ढेरी पर तांबे का कलश रखें। एक नारियल को साफ लाल कपड़े में लपेटकर कलश में रखें। इसके बाद दो बड़े दीपक लें। एक में घी का और दूसरे में तेल का दीपक जलाएं। एक दीपक को चौकी के दाहिनी ओर रख दें और दूसरा मूर्तियों के चरणों में रख दें। वहीं एक छोटा दीपक गणेशजी के पास रखकर विधि-विधान से पूजा करें। लंबे समय से रुका हुआ काम भी इस पूजा के करने से पूरा हो जाता है। इसके लिए लाल सूती कपड़े में नारियल लपेट कर बहते पानी में प्रवाहित कर दें। प्रवाहित करते समय नारियल से 7 बार अपनी मनोकामना कहें। दशहरे पर नारियल की यह पूजा आवश्य ही शुभ फल प्रदान करेगी।