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मेरठ

24 घंटे बाद भी धुआं उठ रहा, इतना नुकसान हो गया यहां

पुलिस आग के कारणों का पता लगाने में जुटी, असम आैर पश्चिम बंगाल के परिवारों में कोहराम
 

मेरठMay 04, 2018 / 11:34 am

sanjay sharma

meerut
मेरठ। मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र की जाकिर कालोनी में गुरुवार की सुबह करीब तीन बजे झुग्गी झोपड़ियों में भीषण आग लग गई थी। अग्निशमन विभाग के अथक प्रयास के बाद आग को बुझा तो दिया गया, लेकिन दिनभर लगी आग से धुंआ सुगलगता रहा। इस आग में करीब 1500 से अधिक लोगों की झुग्गी झोपड़ियां जलकर राख हो गई। आग इतनी विकराल थी कि मेरठ की अग्निशमन विभाग की गाड़ियां भी कम पड़ गई और आसपास के जिलों की अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को मदद के लिए बुलाया गया। कई घंटे बाद आग पर काबू पाया। बेघर हुए पश्चिम बंगाल और असम के परिवारों में कोहराम मचा रहा।
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कूड़ा बीनने वालों की थी बस्ती

कूड़ा आदि बीनने वाले पश्चिम बंगाल और असम के सैकड़ों परिवार जाकिर कालोनी में रहते हैं। ये लोग वहां पर खाली पड़ी जगह में अपनी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। आग कैसे लगी क्यों लगी, इसकी भनक इस बस्ती में रहने वाले लोगों को तनिक भी नहीं लगी, लेकिन जब आग लगी तो झुग्गी-झोपड़ियों में सो रहे में हड़कंप मच गया। हर कोई अपनी जान बचाने के लिए दौड़ पड़ा। अभिभावक अपने सोते हुए बच्चों को गोद में उठाकर भाग निकले। कुछ लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग रौद्र रूप धारण कर चुकी थी।
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आग बुझाने में दस गाड़ियां भी कम पड़ गई

पहले मेरठ की दममल विभाग ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन जब आग बुझाने के लिए मेरठ की दमकल गाड़ियां कम पड़ी तो हापुड़, गाजियाबाद से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मंगवानी पड़ी। इतना ही नहीं आग बुझाने के लिए एक गाड़ी सेना की भी पहुंची। गुरुवार सुबह करीब एक बजे आग पर काबू पाया जा सका। उसके बाद से बस्ती से धुंआ उठता रहा है, जबकि इस हादसे को हुए 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। आग में लाखों रुपये के सामान की क्षति हुई है। गनीमत रही कि जनहानि नहीं हुई।
पीड़ित परिवारों में मचा कोहराम

स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 1500 झुग्गी-झोपड़ियां जल गई हैं, जबकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वहां लगभग 250 झोपड़ियां जली है। घर उजड़ने के बाद पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा रहा। हालांकि, आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। झुग्गी-झोपड़ियों में रखे रसोई गैस सिलेंडर तेज धमाके के साथ फटे। गनीमत रही कि कोई चपेट में नहीं आया।
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सीएफआे का कहना है

चीफ फायर आफिसर अजय शर्मा का कहना हैं कि आग बड़ी विकराल थी। गर्मी का मौसम और हवा तेज चलने के कारण बस्ती में बीड़ी या अन्य किन्हीं कारणों से आग लगी। बस्ती में प्लास्टिक का सामान अधिक होने के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। जिस कारण उसे काबू करने में काफी समय लगा।

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