अग्रणी जिला प्रबन्धक संजय कुमार ने बताया कि जनपद स्तर पर समाज का समावेशी विकास हेतु जिला प्रशासन एवं अग्रणी बैंक के साथ तालमेल करते हुए विस्तृत अध्य्यन के पश्चात नाबार्ड द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण हेतु समन्यवतायुक्त ऋण योजना का संकलन किया जाता है। तत्पश्चात समन्यवतायुक्त ऋण योजना के आधार पर अग्रणी बैंक द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण हेतु वार्षिक ऋण योजना की परिकल्पना कर जनपद स्तर पर संचालित सभी बैंकों को प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण हेतु लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। जिसमें जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति द्वारा ऋण योजना के अनुरूप प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु दिशा निर्देश तय किया जाता है। जिला स्तरीय समीक्षा समिति द्वारा लक्ष्य के अनुरूप प्राप्ति की समीक्षा और आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया जाता है। इस प्रकार से जनपद में संचालित सभी बैंकों के द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण वितरण की प्रक्रिया से समाज के समावेशी विकास हेतु आधारभूत संरचना एवं व्यापार में आवश्यक पूंजी एवं क्रियाशील पूंजी का निवेश होता है।
8274 करोड रुपये के सापेक्ष 8293 करोड रुपये का ऋण वितरण
जनपद के समावेशी विकास हेतु अग्रणी बैंक द्वारा वित्तयी वर्ष 2018-19 की वार्षिक ऋण योजना में प्राथमिकता क्षेत्र में 8274 करोड़ के ऋण योजना प्रस्तुत किया लक्ष्य के सापेक्ष जनपद के सभी बैंकों ने रुपये 8293 करोड़ का ऋण वितरित किया एवं वित्तयी वर्ष 2019-20 की वार्षिक ऋण योजना में प्राथमिकता क्षेत्र में 8954 करोड़ के ऋण योजना के सापेक्ष जनपद के सभी बैंकों ने रुपये 10475 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। अग्रणी जिला प्रबन्धक संजय कुमार ने बताया कि इस पुरस्कार हेतु योजना के दौरान बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा ऋण वितरित किया। वर्ष 2018-19 में 100 दिवसीय कार्यक्रम चलाया गया था। जिसमें समस्त बैंकों एवं जिला उद्योग प्रोत्साहन केंद्र से उपायुक्त के नेतृत्व में प्राथमिकता क्षेत्र में लक्ष्य की प्राप्ति की थी।