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मेरठ का व्यापारी हुआ दिवालिया तो पीएम मोदी और सीएम योगी से मांगी इच्छामृत्यु की अनुमति

मेरठ का व्यापार धीरे-धीरे गर्त में जा रहा है। कभी मेरठ का व्यापार विदेश तक फैला था। मेरठ में नामी इलेक्ट्रा, दीवान ग्रुप,मोदी टायर कंपनी हुआ करती थी। लेकिन सभी दिवालिया हो गए। अब एक और नामी इलेक्ट्रानिक कंपनी बीको भी दिवालिया हो चुकी है। कंपनी के मालिक बैंक की मनमानी से इतना परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है। नामी व्यापारी के इस कदम से खलबली मच गई है।

मेरठSep 12, 2022 / 02:08 pm

Kamta Tripathi

मेरठ का व्यापारी हुआ दिवालिया तो पीएम मोदी और सीएम योगी से मांगी इच्छामृत्यु की अनुमति

मेरठ का व्यापारी हुआ दिवालिया तो पीएम मोदी और सीएम योगी से मांगी इच्छामृत्यु की अनुमति

मेरठ के एक व्यापारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। इस व्यापारी का नाम पीके जैन हैं। जो कि बीको इलेक्ट्रानिक्स कंपनी के मालिक हैं। बीको कंपनी मेरठ ही नहीं देश में कूलर और रेफ्रिजरेटर बनाने के लिए जानी जाती है। व्यापारी पीके जैन के इस पत्र से खलबली मच गई है। उद्यमी पीके जैन का कहना है कि एक समय ऐसा जब वह करोड़ों रुपये टैक्स के रूप में सरकार को देने थे। लेकिन अब उनकी स्थिति खराब हुई तो कोई सुनने वाला नहीं। बैंक उनकी करोड़ों रुपये की संपत्ति औने पौने दाम में बेच रही है।
उन्होंने बताया कि उनके ऊपर इस समय 15 करोड़ 50 लाख का बैंकों का मूल बकाया है। इस मामले में 2016 में उनके खाते को बैंक ने एनपीए घोषित किया था। कोरोना संक्रमण काल के समय में उनकी दो संपत्तियों को जो दरियागंज और परतापुर में थी बैंक ने बेच दिया था। वो संपत्ति लगभग चार करोड़ की थी लेकिन बैंक ने उसे डेढ़ करोड़ में बेच दिया। उन्होंने बताया कि बैंक जो संपत्ति बेच रही है वह उसे मूल में जमा करने के बजाय ब्याज में काट लेते हैं। उन्हें यहीं बड़ा सदमा है। इस कारण वो भारी अवसाद में पहुंच गए हैं। उनकी 14 करोड़ की फैक्ट्री जो रुड़की में है उसे बैंक ने कबाड़ियों को बेच दिया। उन्होंने कहा कि 14 करोड़ की संपत्ति को आठ करोड़ रुपये में बैंक ने बेच दिया है। उस में करीब 250 लोग काम करते थे अब सब बेरोजगार हो गए हैं।

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अब उनके मेरठ के घर और शारदा रोड स्थित शोरूम पर बैंक की नजर है। उन्होंने कहा कि वो बैंक मैनेजर से लेकर के जोनल ऑफिस तक चक्कर काट चुके हैं। लेकिन बैंक ने ओटीएस देने से इंकार कर दिया। अब वह हताश हो गए हैं निराश होकर ही उन्होंने इच्छामृत्यु की मांग की है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सब दिखावेबाजी हो रही है। उन्होंने स्थानीय नेताओं से संपर्क किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि भाजपा जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी बाते तो करते हैं। लेकिन जब काम पड़ता है तो सभी लापता हो जाते हैं।

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