शहीद के स्वागत की तैयारी में कंकरखेड़ा के व्यापारी, समाजसेवी और राजनीतिक दल के लोग सुबह से ही जुट गए थे। पुष्प और राष्ट्रीय ध्वज बाजारों में लगाए गए हैं। हिंडन एयर बेस से सड़क मार्ग द्वारा दोपहर बाद शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर मेरठ पहुंचा।
जैसे ही शहीद मेजर मयंक का पार्थिव शरीर कंकरखेड़ा उनके आवास पर पहुंचा, पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। गली में लोगों की इस कदर भीड़ नजर आई कि पांव रखने की भी जगह नहीं बची। हर कोई शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बेताब दिखा। यहां से शहीद की अंतिम यात्रा सूरजकुंड के लिए रवाना हुई। इस दौरान लोग हाथ फूल लेकर अपने घरों की छतों पर खड़े रहे। घरों के गेट पर खड़ी महिलाओं ने फूल बरसाकर शहीद को श्रद्धांजलि और अंतिम विदाई दी। सूरज कुंड पर शहीद का अंतिम संस्कार पूरे विधिविधान से किया गया।
शोपियां में बीते 27 अगस्त को हुई एक आतंकी मुठभेड़ में मेजर मयंक विश्नोई के सिर में गोली लग गई थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत उधमपुर के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों को जैसे ही उनके घायल होने की सूचना मिली तो वे उधमपुर पहुंच गए। जिसके बाद उनके माता पिता व बहनें वापस आ गईं थीं लेकिन पत्नी स्वाति उनके साथ ही रुक गईं थी। शनिवार को मेजर मयंक ने सैनिक अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।