scriptपौधारोपण का रिकार्ड बनाकर विभाग भूल गए अपनी जिम्मेदारी, तीन दिन बाद ही पौधों की ये स्थिति, देखें वीडियो | many departments forgot responsibility by making record plantation | Patrika News
मेरठ

पौधारोपण का रिकार्ड बनाकर विभाग भूल गए अपनी जिम्मेदारी, तीन दिन बाद ही पौधों की ये स्थिति, देखें वीडियो

खासा बातें

बीते शुक्रवार को जनपद में लगाए गए थे 14 लाख से ज्यादा पौधे
कई विभागों ने पौधारोपण अभियान में निभाई थी बड़ी भूमिका
न तो लगाए गए थे ट्री गार्ड और न ही पौधों की देखभाल की गई

मेरठAug 13, 2019 / 03:41 pm

sanjay sharma

plantation1.jpg
मेरठ। जिले में हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधारोपण किया जाता है। ये पौधे बारिश के सीजन में पौधे लगाए जाते हैं। हरियाली बढ़ाने की कोशिश में बढ़-चढ़कर अभियान चलता है। फिर भी हरियाली का संकट बना हुआ है। बीते शुक्रवार को प्रदेश सहित मेरठ जिले में भी पौधारोपण के महाकुंभ में तमाम सरकारी विभाग शामिल हुए। प्रदेश भर में करीब 22 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जबकि अकेले मेरठ में 14 लाख से अधिक का लक्ष्य तय किया गया। बीती शुक्रवार से ही पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। जिले में पौधारोपण का रिकॉर्ड बनाकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी भूल गए। बीते तीन दिन के भीतर ही करीब पांच फीसदी पौधे बर्बादी की भेंट चढ़ गए।
यह भी पढ़ेंः Independence Day 2019: गांधी जी यूपी के इस शहर में रुके थे 8 दिन और हिलाकर रख दी थी ब्रिटिश हुकूमत

meerut
विभागों ने लगाए पौधे, जिम्मेदार भी वही

वन विभाग की मानें तो जिन विभागों ने पौधारोपण कराया है। उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं विभागों की होती है। ट्री गार्ड के लिए भी बजट जारी होता है, लेकिन ये ट्री गार्ड कहां-कहां लगे, किसी को पता नहीं। पौधारोपण के महाकुंभ में शामिल सरकारी विभागों की उदासीनता से ही तीन दिन में हरियाली सूखने लगी है। देखभाल के अभाव में सड़कों के किनारे लगे पौधे जल्द ही खत्म हो जाएंगे। शुक्रवार को हुए आयोजन में विभिन्न विभागों की तरफ से आनन-फानन में पौधे तो लगा दिए गए, लेकिन उनकी सुरक्षा और देखभाल का समुचित प्रबंध नहीं किया गया। हालत यह है कि कहीं पर ट्री-गार्ड के अभाव में तो कहीं पौधों को पशु चर रहे हैं तो कहीं वाहनों के पहियों तले पौधे रौंदे जा रहे हैं। पब्लिक भी पौधों की अनदेखी कर रही है। जिससे आलम यह है कि तीन दिन के भीतर ही करीब पांच फीसदी पौधे बर्बाद हो गए।
यह भी पढ़ेंः #Independence Day 2019: श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराएंगी ये महिलाएं और कश्मीरी भाइयों से लेंगी वचन

बचे हुए पौधों की सुरक्षा बड़ा सवाल

बचे हुए पौधों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। वन विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि पौधारोपण प्रोग्राम में विभिन्न विभागों की सहभागिता रही है, जिन विभागों की तरफ से जहां पर भी पौधे रोपे गए वहां पर उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की बनती है। लेकिन पौधे लगाने का कोरम पूर्ति के बाद कोई इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाता। किस विभाग ने कहां पर कितने पौधे लगाए इस संबंध में कागजों में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। यदि पौधों के साथ ट्री गार्ड लगे होते तो उस पर संबंधित विभाग का नाम-पता अंकित होता है। हालत यह है कि जब तक ट्री गार्ड लगाने की प्रक्रिया पूरी होगी तब आधे से अधिक पौधे खत्म हो चुके होंगे। ये कोई एक साल की बात नहीं प्रत्येक वर्ष पौधरोपण अभियान के बाद ऐसे ही हालात उत्पन्न होते हैं। वन विभाग के पास प्रतिवर्ष पौध रोपण का रिकार्ड तो है लेकिन कितने पौधे उनमें से जीवित है इसके बारे में कोई रिकार्ड उनके पास नहीं। डीएफओ अदिति शर्मा का कहना है कि पौधारोपण के बाद उसको बड़ा करने और पानी देने की जिम्मेदारी भी लोगों को निभानी चाहिए।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

Hindi News / Meerut / पौधारोपण का रिकार्ड बनाकर विभाग भूल गए अपनी जिम्मेदारी, तीन दिन बाद ही पौधों की ये स्थिति, देखें वीडियो

ट्रेंडिंग वीडियो