वहीं लोगों का कहना है कि इसे आम आदमी के जेब पर लगातार बोझ बढ़ रहा है। उधर, बढ़ते रसोई गैस के दामों और पेट्रोल के रेट के चलते अब विपक्ष भी सरकार को आड़े हाथों ले रहा है। कांग्रेस और अन्य दलों ने बढ़ते दामों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेसी नेता और आईसीसी के सदस्य सतीश शर्मा का कहना है कि ऐसा ही हाल रहा तो एक दिन मजदूर व गरीब वर्ग फिर से लकड़ी और कोयला से खाना बनाने के लिए मजबूर होगा। वहीं सपा के जिलाध्यक्ष राजपाल चौधरी ने गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाने पर सड़कों पर प्रदर्शन करने की बात कही है।
गैस सिलेंडर के कब-कब बढ़ाए गए दाम -चार फरवरी- 25 रुपये बढ़ाए गए -14 फरवरी को 50 रुपये बढ़ाए गए – 25 फरवरी को 25 रुपये बढ़ाए गए -पहली मार्च को 25 रुपये बढ़ाए गए
– अब तक 125 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ चुके हैं।
गैस सिलेंडर महंगा होने से बढ़ा खर्च गृहणी संगीता का कहना है कि गैस सिलेंडर बढ़ने से रसोई का खर्च बढ़ गया है। एक महीने में सवा सौ रुपये बढ़ चुके हैं। इसी तरह से सिलेंडर महंगा होता रहा, तो फिर अंगीठी खरीद कर लानी पड़ेगी और उसी पर खाना बनाना शुरू करना पड़ेगा। वहीं गृहणी रूमा का कहना है कि गैस सिलेंडर के लगातार दाम बढ़ रहे हैं, जो कि बहुत ही चिंताजनक है। महंगाई के बढ़ने से गरीब और मध्यम वर्गीय लोग के लिए परिवार का पालन करना मुश्किल हो गया है। साथ ही लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं। सरकार को इसके लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।