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अब कलेक्ट्रेट के अफसरों आैर कर्मचारियों पर निगरानी रखेगा ‘डे-आॅफिसर’ मेडिकल स्टोर नहीं क्लीनिक मेरठ के ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य और बागपत के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने संयुक्त रूप से कार्रवार्इ करते हुए सरधना के नानू गांव में ब्रजेश गुप्ता के क्लीनिक पर पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही क्लीनिक में बैठकर मरीज देख रहे संचालक ब्रजेश के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। जांच के दौरान उसके पास से मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बरामद किया गया। इससे खुलासा हुआ कि संचालक मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लीनिक चलाकर लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहा था। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी खुद को डाॅक्टर बताते हुए एलोपैथी और यूनानी पद्वति से मरीजों के इलाज का दावा करता था। टीम ने क्लीनिक में बरामद दवाइयां, गोलियां और पाउडर के पैकेट में कब्जे में लिया है। सीएमआे आफिस में तैनात डा. श्रीराम के अनुसार लाइसेंस न दिखाए जाने पर क्लीनिक को सील किया जाएगा। वहीं आरोपी के खिलाफ कानून कार्रवार्इ की भी बात कही।