आखिरी बार अक्टूबर 2020 में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की प्रीमियम में 40 से 70 प्रतिशत तक इजाफा हुआ था। बढ़ी प्रीमियम के चलते बड़ी संख्या में लोग किश्त जमा नहीं कर पाए थे। जिसके चलते हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स हो गई थी। ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं। सूत्रों की मानें तो अब एक नवंबर से हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस लेने वाले ग्राहकों के लिए केवाईसी अनिवार्य होगा। जिससे नॉन लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों का प्रीमियम और महंगा हो जाएगा। जानकारी के अनुसार एक नवंबर से हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए अपने ग्राहक को केवाईसी डिटेल अनिवार्य कर दिया है।
केवाईसी अपडेशन के बाद बीमा धारकों को इंश्योरेंस पॉलिसी दी जाएगी। इससे बीमा प्रीमियम में थोड़ा इजाफा होगा। अब नॉनलाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों में केवाईसी चार्ज को किया जाएगा। भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण का उद्देश्य धोखाधड़ी को नियंत्रित करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनके बीमाकर्ताओं के पास बीमाधारकों का पूर्ण विवरण उपलब्ध हो। केवाईसी की पूरी प्रक्रिया भारतीय केंद्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी केवाईसी के जरिए पूरी की जाएगी। इस कदम से सीडीएसएल को मदद मिलने की उम्मीद है जो आईआरडीएआई द्वारा अनुमोदित चार डिपॉजिटरी में से एक है। यह देश का पहला लिस्टेड भारतीय केंद्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी है।