ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश से छह राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। ये छह राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला वृश्चिक और धनु हैं। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार राशि की सूर्य की यात्रा की अवधि के मध्य पितरों का दिन और देवताओं की रात्रि शुरू हो जाएगी। इस दौरान पिता सूर्य और पुत्र शनि कर्क और मकर राशि में एक—दूसरे के आमने-सामने रहेंगे।
पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि सूर्य का गोचर कर्क राशि में 16 जुलाई को सांयकाल 5:13 बजे होगा और सूर्य कर्क राशि में 17 अगस्त तक रहेगा। कर्क संक्रांति से मानसून सक्रिय हो जाता है। कर्क संक्रांति के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने के साथ ही दान करना शुभ होता है। ऐसा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। सूर्य के दक्षिणायन के समय में रातें लंबी हो जाती हैं। दिन छोटे होने लगते हैं। उत्तरायण उत्सव, पर्व एवं त्योहार का समय होता है और दक्षिणायन व्रत, साधना एवं ध्यान का समय रहता है।