यह भी पढ़ेंः Weather Report: बारिश नहीं होने से बिगड़ रही स्थिति, मौसम वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी फिर कांवड़ लाने की तैयारी कर रहे नीरज ने बताया कि वह पांच साल से अपने हाथों से बनार्इ कांवड़ लेकर जा रहे हैं। कांवड़ निर्माण करने में उन्हें शिव (Lord Shiva) की भक्ति का आनंद मिलता है। उनके परिवार वाले भी कांवड़ बनाने में सहयोग करते हैं। उनके साथ करीब 12 दोस्त चलते हैं और वे सब कांवड़ मेले (Kanwar Mela) में आकर गंगाजल लेकर जाते हैं। नीरज ने बताया कि कांवड़ बनाने का काम जल भरने से पहले ही शुरू कर दिया जाता है।
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Breaking: थाने के सामने खुद को आग लगाने वाले व्यापारी की मौत, घर में मचा कोहराम, व्यापारियों में गुस्सा, देखें वीडियो एेसे तैयार करते हैं कांवड़ इसके लिए वह अपने साथ कांवड़ बनाने का सामान भी लाते हैं। नीरज ने बताया कि कांवड़ के लिए वह रिक्शा लेकर आते हैं। उस पर भव्य मंदिर का निर्माण कर उसमें शिव की तस्वीर को रखा जाता है। मंदिर एवं मूर्तियों का निर्माण थर्मोकॉल से किया जाता है। उन्होंने बताया कि थर्मोकाॅल हल्का होने से इसका उपयोग किया जाता है। यह बारिश में भी अच्छा रहता है। उन्होंने बताया कि वह कांवड़ लेकर 150 किलोमीटर का मार्ग पैदल तय करेंगे। कावंड़ ले जाने के साथ-साथ वह स्वच्छता के प्रति भी जागरूक हैं। वह साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं और अन्य कांवड़ियों (Kanwariye) को भी इसके प्रति जागरूक करते हैं।
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