जाट का गौरवशाली इतिहास जन–जन तक पहुंचाना
संसद का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, कला, संस्कृति, साहित्य, रोजगार सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन–जन तक पहुंचाना है। उन्होंने अंतराष्ट्रीय जाट संसद में अधिक से अधिक संख्या में जाट समाज से पहुंचने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज हमारे मार्गदर्शक हैं। हम उन्हें कभी भूले नहीं। हमेशा उनको याद कर उनके पदचिन्हों पर चलते रहेंगे। महापुरुषों के इतिहास हम सभी मिलकर जिंदा रखेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से राजनीतिक लोगों ने विरोध किया। उसके बावजूद हमने महाराजा चौधरी सूरजमल जी पर डॉक्यूमेंट्री बनाई।
उन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन पर बात करते हुए कहा कि जाट को क्षेत्रवाद के आरक्षण में नहीं बांटा जा सकता। हम सभी का डीएनए एक है। कौम को जगाने और उसके उद्धार के लिए घर बार छोड़कर कार्य कर रहे है। हम किसी राजनीति से नहीं मिले है। न ही हम किसी राजनीति से टिकट की मांग करते है। हमारा एक मात्र उद्देश्य प्रत्येक स्तर पर जाट समाज का उत्थान करना है। समाज के इतिहास और वीरों की गाथा (बलिदान)को समाज के यूवाओ के दिलों में जगाए रखना है।
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर जाट समाज को संगठित कर समाज के समग्र विकास के लिए कार्य करना। इसके अलावा समाज में एकता, भाईचारा, परस्पर सद्भाव, समाज के शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करना है। उन्होंने बताया कि युवापीढ़ी को जाट कौम के गौरवशाली इतिहास से परिचय करवाने के साथ ही समाज के इतिहास का संग्रह कर उनका प्रकाशन, प्रसारण एवं समाज की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, संवर्धन कर महापुरुषों की स्मृति में स्मारकों व संग्रहालय का निर्माण करने हेतु समाज के बंधुओं को प्रेरित करना।
कौम के महापुरुषों के महानतम गौरवशाली जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने एवं संरक्षण हेतु डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण करना।
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चौधरी छोटूराम के संदेश का अनुसरण करते हुए “बोलना सीख व दुश्मन को पहचान’ ” की तर्ज पर उनकी शिक्षाओं को मानते हुए किसी भी दूसरी जाति, धर्म, वर्ग पर कोई भी आक्षेप या टीका टिप्पणी न करना, सबका बराबर सम्मान किया जाए व सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने के लिए प्रयास करना। उच्च पदों पर आसीन समाज के राजनेता व अधिकारी वर्ग में सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार कर समाज के जरूरतमंद लोगों की निस्वार्थ मदद हेतु प्रेरित करना आदि उद्देश्य शामिल है।