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मेरठ

अंतराष्ट्रीय जाट संसद में जुटेगे देश विदेश से समाज के लोग, इन एजेंडों पर होगी मुख्य चर्चा

Meerut International Jat Parliament: मेरठ में एक अक्टूबर को जाट संसद लगेगी। मेरठ में एक अक्टूबर को होने वाली जाट संसद में देश-विदेश से जाट समाज के लोगों के पहुंचने का आहवान किया गया है।

मेरठSep 28, 2023 / 07:12 pm

Kamta Tripathi

meerut news

मेरठ के सुभारती विवि में 1 अक्टूबर को आयोजित होने वाली अंतराष्ट्रीय जाट संसद के बारे में जानकारी देते आयोजक।

International Jat Parliament Meerut: मेरठ में जाट संसद की तैयारी जोरों पर हैं। जाट संसद में करीब 3 हजार से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। जाट संसद दिल्ली देहरादून बाईपास स्थित सुभारती विवि में आयोति होगी। जाट संसद के आयोजनकर्ता आरके पलसानिया ने बताया कि जाट संसद का उद्देश्य जाट समाज को जागरूक करने के साथ ही जाटों से जुड़े मुख्य मुद्दों पर चर्चा करना है। उन्होंने बताया कि जाट समाज के महापुरूषों का इातिहास डिजिटल किया जाएगा। इसी के साथ जाट आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन पर भी मंथन होगा। जाट संसद में जाट समाज के सभी गुटों का समर्थन प्राप्त है। संसद को पूरे जाट समाज का भारी समर्थन मिल रहा है।
बतौर मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक आरके पलसानियां ने बताया कि अंतराष्ट्रीय जाट संसद में पश्चिम यूपी ही नहीं देश के हर राज्य से जाट समाज के जिम्मेदार लोग पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विदेश से भी जाट समाज के लोग अंतराष्ट्रीय जाट संसद में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 50 देशों से जाट समाज के लोग अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे।
जाट का गौरवशाली इतिहास जन–जन तक पहुंचाना
संसद का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, कला, संस्कृति, साहित्य, रोजगार सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन–जन तक पहुंचाना है। उन्होंने अंतराष्ट्रीय जाट संसद में अधिक से अधिक संख्या में जाट समाज से पहुंचने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज हमारे मार्गदर्शक हैं। हम उन्हें कभी भूले नहीं। हमेशा उनको याद कर उनके पदचिन्हों पर चलते रहेंगे। महापुरुषों के इतिहास हम सभी मिलकर जिंदा रखेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से राजनीतिक लोगों ने विरोध किया। उसके बावजूद हमने महाराजा चौधरी सूरजमल जी पर डॉक्यूमेंट्री बनाई।

उसके बाद सर छोटू राम की डॉक्यूमेंट्री बनाई गई। अभी तक तीन महापुरुर्षो की डॉक्यूमेंट्री बनाई है। हम यह सब किसी राजनैतिक लाभ के लिए नही बल्कि यह सब महापुरुषों के इतिहास को जिंदा रखने और आने वाली पीढ़ी का सही मार्गदर्शन हो सके। उन्होंने कहा कि हमने 80 फीसदी अपना जीवन समाज के लिए लगा दिया। समाज एक साथ होकर देश में सराहनीय कार्य करें। उन्होंने समाज की कुरीतियों पर भी प्रहार किया। कहा कि डेढ़ सौ से अधिक देशों में नेटवर्क है, कोरोना कॉल में भी लोगो की मदद की।

उन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन पर बात करते हुए कहा कि जाट को क्षेत्रवाद के आरक्षण में नहीं बांटा जा सकता। हम सभी का डीएनए एक है। कौम को जगाने और उसके उद्धार के लिए घर बार छोड़कर कार्य कर रहे है। हम किसी राजनीति से नहीं मिले है। न ही हम किसी राजनीति से टिकट की मांग करते है। हमारा एक मात्र उद्देश्य प्रत्येक स्तर पर जाट समाज का उत्थान करना है। समाज के इतिहास और वीरों की गाथा (बलिदान)को समाज के यूवाओ के दिलों में जगाए रखना है।

अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का मुख्य उदेश्य
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर जाट समाज को संगठित कर समाज के समग्र विकास के लिए कार्य करना। इसके अलावा समाज में एकता, भाईचारा, परस्पर सद्भाव, समाज के शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए कार्य करना है। उन्होंने बताया कि युवापीढ़ी को जाट कौम के गौरवशाली इतिहास से परिचय करवाने के साथ ही समाज के इतिहास का संग्रह कर उनका प्रकाशन, प्रसारण एवं समाज की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, संवर्धन कर महापुरुषों की स्मृति में स्मारकों व संग्रहालय का निर्माण करने हेतु समाज के बंधुओं को प्रेरित करना।
कौम के महापुरुषों के महानतम गौरवशाली जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाने एवं संरक्षण हेतु डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण करना।

समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु समाज बंधुओं को जागरूक कर नशामुक्त जाट समाज की स्थापना करना। अंतरजातीय विवाह रोकथाम हेतु जन-जागरण अभियान चला कर संस्कारवान व विकसित जाट समाज की स्थापना करना। समाज में विवाह योग्य युवक, युवतियों का परिचय सम्मेलन करवाना। विवाह शादियां दिन में की जाए जिससे शादी में सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार हो और व्यर्थ के खर्च से बचा जा सके।
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चौधरी छोटूराम के संदेश का अनुसरण करते हुए “बोलना सीख व दुश्मन को पहचान’ ” की तर्ज पर उनकी शिक्षाओं को मानते हुए किसी भी दूसरी जाति, धर्म, वर्ग पर कोई भी आक्षेप या टीका टिप्पणी न करना, सबका बराबर सम्मान किया जाए व सामाजिक भाईचारे को बढ़ाने के लिए प्रयास करना। उच्च पदों पर आसीन समाज के राजनेता व अधिकारी वर्ग में सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार कर समाज के जरूरतमंद लोगों की निस्वार्थ मदद हेतु प्रेरित करना आदि उद्देश्य शामिल है।

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