दरअसल कुछ दिनों पहले महिला क्रिकेट टी-20 की कप्तान और पंजाब पुलिस में खेल कोटे से डीएसपी की नौकरी कर रही हरमनप्रीत कौर की चैधरी चरण सिंह विवि की डिग्री फर्जी पाई गई। मामला प्रकाश में आने के बाद महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बुरी तरह से फंस गई। पंजाब पुलिस ने विवि के विजिलेंस विभाग से गोपनीय जांच करवाई। जिसमें खुलासा हुआ कि पंजाब पुलिस की डीएसपी हरमनप्रीत कौर की मार्कशीट का मेरठ के विवि में कहीं कोई रिकार्ड नहीं है। मार्कशीट और डिग्री के फर्जीवाड़े में फंसने के बाद अब उन्हें पद से हटा कर कॉन्सटेबल बना दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि पंजाह सरकार ने कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। हालाकि अभी इस मामले पर प्रशासन ने कुछ भी आधिकारिक ऐलान नहीं किया है।
आपको बता दें कि हरमनप्रीत-कौर का फर्जी मामला सामने आने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सरकार का नरन रवैया देखने को मिला। जहां हरमनप्रीत कौर की नौकरी रद्द करने की मांग की जा रही थी वहीं कहा जा रहा था कि प्रदेश सरकार उनकी नौकरी बरकार रखने के लिए राज्य कानून में बदलाव की सोच रही थी। जिसके तहत सेना की तरह हरमनप्रीत को आॅनरेरी डीएसपी बना जाता। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया और भारतीय टी-टी कप्तान को डीएसपी पद से हटाया जाएगा और उनको कांस्टेबल बनाने का फैसला किया। इसके साथ ही उन्हें रियायत दी गई है कि वह जब ग्रेजुएशन कर लेंगी तो उन्हें फिर डीएसपी बना दिया जाएगा।
गौरतलब हो कि हरमनप्रीत महिला क्रिकेट टी-20 की कप्तान हैं। 2017 में हुए महिला विश्व कप में भारत की ओर से हरमनप्रीत ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। एक मैच में हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी। इसके साथ ही हरमनप्रीत कौर का महिला टी-20 में भी बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। जिसकी वजह से पंजाब सरकार कई मौकों पर सम्मानित कर चुकी है।