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इस बार की गर्मी से कृषि वैज्ञानिक भी हैरत में, इसी वजह से बढ़ जाएंगे गेहूं के दाम अति प्राचीन मंदिरों में से एक सिद्धपीठ बुढ़ाना गेट का हनुमान मंदिर अति प्राचीन हनुमान मंदिरों में से एक है। बताते हैं कि यह मंदिर करीब दो सौ साल पुराना है। जिस स्थान पर यह मंदिर है उस स्थान पर कभी अखाड़ा हुआ करता था। उस अखाड़े में युवक पहलवानी किया करते थे। जानकारों के अनुसार अखाड़े के आसपास जंगल था और रात में तरह-तरह की अजीब सी आवाजें आती थी। एक दिन अखाड़े में मिट्टी की खुदाई के दौरान यहां रह रहे युवकों को हनुमान जी की पत्थर की एक छोटी सी मूर्ति मिली। युवकों ने इस हनुमान की मूर्ति का अखाड़ा प्रांगण में खड़े पीपल के पेड़ के नीचे रख दिया। इसके बाद छोटे से मंदिर का निर्माण कर वहां पर मूर्ति की स्थापन कर दी। मूर्ति की स्थापना मात्र से ही मंदिर के आसपास लोगों का रहना शुरू हो गया और जो अवाजें आदि सुनाई देती थी वह भी बंद हो गई। अखाड़े में पहवानी करने वाले युवकों ने तब मंदिर में मंगलवार को सुंदरकांड पाठ पढ़ना शुरू कर दिया, तो आज तक वह परंपरा बनी हुई है। हर मंगलवार को मंदिर प्रांगण में सुंदर कांड का पाठ होता है और प्रतिदिन शाम को मंदिर में रामायण की चौपाई पढ़ी जाती है।