गुरुपूर्णिमा पर सुबह जब सूर्य के आगमन के साथ ही आकाश में चंद्रमा अस्त हो चुका होगा। तब यह खगोलीय घटना घटेगी। देश में यह ग्रहण सुबह लगेगा। लेकिन यहां दिन होने के कारण दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि इस साल पहला चंद्रग्रहण पांच जून को पड़ा था। इसके बाद 21 जून को सूर्यग्रहण के बाद एक माह की अवधि में पृथ्वी पर दिखने वाला यह तीसरा ग्रहण होगा। अगला चंद्रग्रहण इस साल 30 नवम्बर को होगा। 5 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण के बाद अगला चंद्रग्रहण ठीक 5 महीने 25 दिन बाद 30 नवंबर को लगेगा। इसके बाद 14 दिसंबर 2020 को पूर्ण सूर्यग्रहण होगा।
इस शुभ मुहूर्त में करें गुरू का पूजन :— गुरु पूर्णिमा 4 जुलाई को दोपहर 11:35 मिनट से दूसरे दिन यानी 5 जुलाई को 10:17 मिनट तक रहेगी। ऐसे में गुरूपूजन का सर्वोत्तम समय 5 जुलाई को प्रात: 10:17 तक है। गुरु पूर्णिमा के दिन मंदिरों और आश्रमों में गुरु पूजन का आयोजन किया जाता है। गुरु पूर्णिमा की पूजा घर पर भी की जाती है।
ऐसे करें गुरू की पूजा :— सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने के पश्चात नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें। यदि गुरु ब्रह्मलीन हो गए हैं तो उनकी फोटो के सामने एक सफेद कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। गुरु का कुमकुम लगाकर पूजन करें। मिठाई, ऋतुफल, सूखे मेवे, पंचामृत का भोग लगाएं। इसके बाद उनकी आरती उतारकर आर्शिवाद प्राप्त करेंं।