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कांवड़ यात्रा 2018: इस जिले में कांवरियों की सुरक्षा को लेकर बना हाईटेक प्लान 28 जून को सतपाल हुए थे शहीद लांस नायक सतपाल सिंह की 1999 में जनवरी में ग्वालियर में तैनात थे। उस समय उनका परिवार में ही रहता था। ग्वालियर से उनकी पोस्टिंग जम्मू हो गर्इ थी। इसके कुछ ही दिन बाद मर्इ में पाकिस्तान से कारगिल में युद्ध शुरू हो गया था। इसलिए उनकी बटालियन को कारगिल में पहुंचने के आदेश हुए थे। दुश्मन की सेना की आेर से लगातार आक्रमण हो रहा था, तो भारतीय सेना ने भी उसके हर आक्रमण का करारा जवाब दिया था। इसी में तोलोलिंग की चोटी पर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। इस विजयी टीम में लांस नायक सतपाल सिंह शामिल थे।
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4 दिन बाद भी धड़क की जारी है बंपर कमाई, भाईजान की इस फिल्म को छोड़ सकती है पीछे शहीद होने की खबर से मच गया था कोहराम तोलोलिंग जीतने के बाद द्रास सेेक्टर की टाइगर हिल पर सेकेंड राजपूताना राइफल्स बटालियन की तैनाती की गर्इ थी। 28 जून को टाइगर हिल पर कब्जे के लिए जब भारतीय सेना की टुकड़ी आगे बढ़ रही थी तो पाकिस्तानी सेना ने अटैक कर दिया। इसमें लांस नायक सतपाल सिंह आगे थे, दुश्मनों को करारा जवाब देते हुए शहीद हो गए। उनकी पत्नी वीर नारी बबीता बताती हैं कि उनके गांव लुहाली में थाना पुलिस के जरिए आर्मी हेडक्वार्टर से जब उनके शहीद होने की सूचना मिली थी तो पूरे गांव में कोहराम मच गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें तो होश नहीं रहा आैर दस दिन बाद उनकी सुधबुध वापस लौटी थी। उन्होंने बताया कि उस समय उनका बेटा पुलकित साढ़े तीन साल का था आैर बेटी दिव्या उससे छोटी थी। कुछ नजर ही नहीं आ रहे था।
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बेटियों की आबरू बचाना परिवार के लिए मुश्किल’घर बेचने के लिए दीवार पर टांग दिया पलायन पोस्टर’ सेना ने मदद की, सरकार ने नहीं वीर नारी बबीता का कहना है कि सैन्य अफसरों ने उस समय काफी मदद की थी, उन्होंने रहने के क्वार्टर दिया आैर पेंशन भी बन गर्इ, लेकिन सरकार ने जाे घोषणाएं की थी। उनमें से कुछ आज तक पूरी नहीं कर सकी। काफी मशक्कत के बाद पेट्रोल पंप मिल पाया। उसमें भी सबकुछ कंपनी का है। शुरू में इसे चलाने के लिए अपना पैसा भी लगाना पड़ा। गांव में सड़क का नाम आैर उनके नाम से गेट आैर उनकी समाधि बनवाने की घोष्णा की गर्इ थी, जो अब तक पूरी नहीं हुर्इ है। साथ ही सरकार की आेर से 18 बीघा में से सिर्फ 12 बीघा जमीन ही मिल पायी है। वीर नारी बबीता का कहना है कि उनका बेटा पुलकित अब एमबीए कर रहा है आैर बेटी दिव्या एमए। इनको आगे बढ़ाना ही उनकी जिन्दगी है, लेकिन हर पल पति याद आते हैं।