आरोप है कि सुनीता वर्मा ने गनर लेने की तय राशि सरकारी खाते में जमा नहीं की। इस कारण उनका गनर वापस ले लिया गया है। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि इसके लिए मेयर को तीन बार पत्र भेजा गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। एसएसपी का कहना है कि मेयर पदेन अधिकार में नहीं आते इस कारण उनके गनर की वापसी हुई है। पुलिस ने इसके लिए तीन बार नोटिस जारी की थी। मेयर को गनर दस प्रतिशत पर दिया गया था। जो उन्होंने जमा नहीं कराया।
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योगेश वर्माः हस्तिनापुर का पूर्व विधायक, निष्कासन के बाद वापसी…अब मेरठ में बवाल का आरोपी मेयर सुनीता वर्मा ने लगाए आरोप वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए मेयर सुनीता वर्मा ने को बताया कि गनर वापसी राजनैतिक कारणों से हुआ है। उन्हें कोई पत्र आदि नहीं मिला है। चूंकि वे भाजपा को चुनाव हराकर मेयर पद पर जीती हैं, इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है। मेयर ने कहा कि मैंने कोई ईवीएम में धांधली करके चुनाव नहीं जीता, मुझे जनता ने चुनाव में वोट देकर जीत दिलवाई है। भाजपा सरकार जो आज मेरे साथ कर रही है कहीं न कहीं यह उस जनता के साथ भी अप्रत्यक्ष रूप से हो रहा है। मुझे प्रताड़ित कर भाजपा सरकार जनता का धमकाना चाहती है कि देख लो बसपा को वोट देने का अंजाम।