मामला थाना मवाना के गांव नासिरपुर का है। गांव निवासी धीरेन्द्री पत्नी राजबीर का कहना है कि बीती तारीख 26 अप्रैल को जब वह अपने पुत्र कालू और पुत्री मोनी के साथ बैठे थी। उस दौरान उनके पुत्र कालू के मोबाइल पर एक फोन आया। पीड़ितों का आरोप है कि फोन गांव के ही इज्जत उर्फ संदीप ने किया था। इज्जत के बुलाने पर कालू घर से अपने दोस्तों पप्पू, नीटू, अनन्त, आशू के साथ अपनी सेट्रों कार से निकला। उसी रात करीब नौ बजे कालू का दोस्त आशु घर आया और उसने बताया कि इज्जत उर्फ संदीप, पप्पू, नीटू ने कालू को नहर में कार सहित धक्का देकर गिरा दिया है।
बेटे के मारे जाने की खबर सुनते ही धीरेन्द्री का बुरा हाल हो गया। उसका आरोप है कि उसने थाने में हत्यारोपियों के खिलाफ तहरीर दी। लेकिन उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। पुत्र की लाश सठला गांव के पुल में फंसी हुई मिली। पुलिस ने लाश निकालकर उसका पोस्टमार्टम करा दिया। लेकिन उसके बाद भी पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
जिसके बाद परेशान धीरेन्द्री अपने अन्य रिश्तेदारों और परिजनों के साथ एसएसपी कार्यालय पर पहुंच गई। पीड़िता और उसके साथ आए लोगों का कहना था कि थाने वाले सीओ के यहां जाने की बात कर रहे हैं। सीओ के यहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। पांच साल पहले भी एक बच्चे की हत्या आरोपियों ने कर दी थी। उस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। एसएसपी नितिन तिवारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।