ऐसे खुला फर्जी आपरेशन का मामला
मामला पकड़ में न आए, इसके लिए डा. शरत चंद्रा का नाम और पंजीकरण संख्या में कुछ फेरबदल किया गया। गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में एक मरीज डा. शरत के पास पहुंचा। डा0 शरत ने जब मरीज के कागज देखे तो उसके मुताबिक डा. शरत ने मरीज का ऑपरेशन किया था। जबकि ऐसा नहीं था। उन्होंने इसकी जांच करनी शुरू की तो पूरा मामला खुलता चला गया। पता चला कि गढ़ रोड गोकुलपुर स्थित एक अस्पताल में 15 जुलाई को भर्ती 45 साल के मरीज का डिस्चार्ज कार्ड बना था। जिसमें डा. शरत का नाम, मोहर, पंजीकरण संख्या व हस्ताक्षर अंकित है।
यह भी पढ़े : मेरठ में बालिका वधू बनने से बच गईं 15 किशोरियां, कराया जा रहा था सामूहिक निकाह उन्होंने संबंधित अस्पताल के संचालक से बात की तो पता चला डा0 शरत चंद्रा के नाम पर मेरठ के कई अस्पतालों में सर्जरी का खेल चल रहा है। सीएमओ कार्यालय में कार्यरत क्लर्कों ने मामले में खेल करते हुए अपने यहां पंजीकृत चिकित्सकों का कागज आयुष्मान भारत पैनल वाले अस्पतालों को उपलब्ध करवा दिया। डा0 शरत चंद्रा ने इस मामले में आईएमए को भी सूचित कर दिया है। वहीं इस मामले में सीएमओ मेरठ डा0 अखिलेश मोहन ने बताया कि मामला काफी गंभीर है। इसकी जांच करवाई जा रही है। जो भी इस फर्जीवाड़े में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।